मनीषा शर्मा। राजस्थान में प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए मुख्य सचिव (सीएस) सुधांश पंत ने कलेक्टर्स और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) और बैठकों का दिन और समय निर्धारित कर दिया है। इसका उद्देश्य यह है कि अलग-अलग दिन और समय पर होने वाली इन बैठकों के कारण कलेक्टर्स और अन्य अधिकारियों का नियमित काम बाधित न हो।
मुख्य सचिव के निर्देश के अनुसार, अब प्रत्येक सप्ताह में सिर्फ एक दिन ही बैठकें होंगी। इसके लिए मंगलवार का दिन चुना गया है और समय सुबह 10 बजे से 12 बजे तक निर्धारित किया गया है। इस समय के दौरान, विभिन्न विभागों के एसीएस (अतिरिक्त मुख्य सचिव), प्रमुख शासन सचिव, और शासन सचिव वीसी के माध्यम से जिलों के कलेक्टर्स के साथ बैठक करेंगे और विभागीय योजनाओं की समीक्षा करेंगे।
कलेक्टर्स का काम प्रभावित होने से बचाने की पहल
मुख्य सचिव सुधांश पंत का यह कदम उन कलेक्टर्स की सहायता के लिए उठाया गया है, जिनके काम पर अलग-अलग समय पर होने वाली बैठकों का असर पड़ता था। कई बार ऐसा देखा गया कि विभिन्न विभागों की बैठकों और वीसी के कारण कलेक्टर्स को अपने जिलों के रोजमर्रा के कामों को छोड़कर इन बैठकों में समय देना पड़ता है। इससे जिले की फ्लैगशिप योजनाओं की निगरानी और अन्य प्रशासनिक कार्य प्रभावित होते थे।
इस नई व्यवस्था के तहत, कलेक्टर्स अब सप्ताह में केवल एक दिन विभागीय समीक्षा बैठकें करेंगे, जिससे बाकी समय में वे अपने जिलों में प्राथमिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। इसके साथ ही, विभागीय अधिकारियों को भी अपने कामों को नियमित रूप से मॉनिटर करने और समीक्षा रिपोर्ट तैयार करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
विभागीय बैठकों के लिए भी समय निर्धारित
मुख्य सचिव ने केवल कलेक्टर्स संग होने वाली बैठकों के लिए ही नहीं, बल्कि विभागीय बैठकों के लिए भी समय और दिन निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं। विभागों में एसीएस, प्रमुख शासन सचिव, और शासन सचिव अपने-अपने स्तर पर बैठकें करते हैं, जिनमें निचले स्तर के अधिकारी और कर्मचारी भी भाग लेते हैं। इन बैठकों का भी असर उन अधिकारियों के कामकाज पर पड़ता है, जो जिलों और तहसीलों में जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे होते हैं।
अक्सर ऐसा देखा जाता है कि विभागीय बैठकों के कारण जनसुनवाई के समय अधिकारी-कर्मचारी अपने काम से हटकर इन बैठकों में हिस्सा लेने सचिवालय या उच्च अधिकारियों के पास जाते हैं। इससे लोगों के काम में देरी होती है और विभागीय कार्यों में व्यवधान आता है। इसे ध्यान में रखते हुए मुख्य सचिव ने सभी विभागों के प्रमुखों को निर्देश दिए हैं कि वे अपनी बैठकों के लिए सप्ताह में एक दिन और समय निर्धारित करें, जिससे विभागीय कर्मचारियों का काम प्रभावित न हो और वे जनसुनवाई जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को बिना किसी रुकावट के पूरा कर सकें।
वीसी और बैठकों के समय निर्धारण का लाभ
यह निर्णय खासकर उन जिलों के लिए लाभकारी होगा, जहां कलेक्टर्स को नियमित रूप से फ्लैगशिप योजनाओं की निगरानी करनी होती है। उदाहरण के लिए, पंचायती राज, सामाजिक न्याय अधिकारिता, महिला एवं बाल विकास, और चिकित्सा जैसे विभागों की फ्लैगशिप योजनाएं कलेक्टर्स के अधीन आती हैं, जिन्हें मॉनिटर करने के लिए समय चाहिए होता है।
लगातार अलग-अलग विभागों की बैठकों में हिस्सा लेने के कारण कलेक्टर्स का ध्यान जिलों की प्रमुख योजनाओं और अन्य प्रशासनिक कार्यों से हट जाता था। अब जब हर मंगलवार को ही वीसी और बैठकें होंगी, तो कलेक्टर्स को बाकी दिनों में अन्य प्रशासनिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने का मौका मिलेगा।