मनीषा शर्मा। राजस्थान विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान जासूसी विवाद ने सियासत को गरमा दिया है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि राज्य की मौजूदा सरकार न केवल विपक्ष बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से संपर्क में रहने वाले विधायकों की भी जासूसी करवा रही है।
जूली ने कहा कि सरकार का ध्यान जनता की समस्याओं पर कम और विपक्षी विधायकों की निगरानी पर ज्यादा है। उन्होंने दावा किया कि विधानसभा में लगाए गए अतिरिक्त कैमरों का इस्तेमाल विपक्ष और खासतौर से वसुंधरा समर्थक विधायकों पर नजर रखने के लिए किया जा रहा है।
वसुंधरा राजे से शिष्टाचार न निभाने का आरोप
टीकाराम जूली ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रति मौजूदा सरकार के रवैये पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा:
“जब वसुंधरा राजे विधानसभा आईं और सदन की लॉबी में बैठी थीं, तो सदन के नेता पास से गुजरे लेकिन उन्होंने शिष्टाचारवश भी उनसे मुलाकात करना उचित नहीं समझा।”
इस टिप्पणी के जरिए जूली ने संकेत दिया कि भाजपा की अंदरूनी राजनीति में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है और राजे की अनदेखी की जा रही है।
कैमरे और जासूसी का मुद्दा
सत्र के दौरान जूली ने आरोप लगाया कि विधानसभा में दो अतिरिक्त कैमरे लगाए गए हैं जिनका इस्तेमाल विपक्ष की जासूसी के लिए किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि इन कैमरों का यूट्यूब एक्सेस क्यों नहीं है और आखिर इन्हें किस उद्देश्य से लगाया गया है।
बुधवार को भी सत्र के आखिरी दिन विपक्ष ने इसी मुद्दे पर जोरदार हंगामा किया था। हालांकि, सरकार ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि कैमरे सिर्फ 360 डिग्री व्यू के लिए लगाए गए हैं, न कि किसी विधायक की जासूसी के लिए।
कानून मंत्री का पलटवार
नेता प्रतिपक्ष के आरोपों पर कानून मंत्री पटेल ने कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जासूसी जैसे आरोप न तो लोकतंत्र के लिए उचित हैं और न ही विपक्ष की गरिमा के अनुरूप।
पटेल ने कहा:
“जासूसी के आरोप लगाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी से पूछें, जिन्होंने खुद कई बार स्वीकार किया है कि उन्होंने विपक्षी नेताओं और जनप्रतिनिधियों के फोन टैप करवाए। जब ऐसी स्वीकारोक्ति मौजूद है, तो ऐसे विषय उठाना शोभा नहीं देता।”
उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के सुरक्षा अधिकारी और उसका बेटा पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हुए हैं, ऐसे में विपक्ष को अपने घर में झांकना चाहिए।
विधानसभा स्पीकर की सफाई
कैमरों को लेकर विपक्ष के सवालों पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने भी सफाई दी। उन्होंने कहा कि जो कैमरे लगे हैं, वे विधानसभा भवन बनने के समय से ही मौजूद हैं। मौजूदा तकनीक को ध्यान में रखते हुए उनमें कुछ और कैमरे जोड़े गए हैं ताकि पूरे सदन का 360 डिग्री व्यू मिल सके।
स्पीकर ने साफ किया कि इन कैमरों का इस्तेमाल पारदर्शिता और रिकॉर्डिंग के लिए किया जा रहा है, किसी विधायक की निजी निगरानी के लिए नहीं।
जूली के इशारे और सरकार पर सवाल
सत्र के बाद जूली ने इशारों में कहा कि सरकार के अंदर सबकुछ ठीक नहीं है। उन्होंने दावा किया कि वसुंधरा राजे समर्थक विधायकों पर नजर रखी जा रही है। इससे यह संकेत मिलता है कि भाजपा की आंतरिक राजनीति भी विरोधाभासों से भरी हुई है।
जूली का कहना था कि विपक्ष को डराने-धमकाने और निगरानी में रखने की कोशिश लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।