मनीषा शर्मा। राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र गुरुवार को पूरी तरह किसानों की समस्याओं और भारी बारिश से हुए नुकसान के इर्द-गिर्द घूमता रहा। शून्यकाल में कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अतिवृष्टि ने किसानों को गहरी मुसीबत में डाल दिया है।
कांग्रेस विधायक अमित चाचाण और नरेंद्र बुडानिया ने कहा कि लाखों एकड़ खेतों में पकी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, लेकिन सरकार ने अब तक राहत पहुंचाने के ठोस कदम नहीं उठाए। बुडानिया ने कटाक्ष करते हुए कहा कि “सरकार हेलिकॉप्टर में घूम रही है, लेकिन किसानों की सुध लेने का समय नहीं है।”
जूली का तीखा तंज: “बहरी सरकार को सुनाने के लिए तेज बोल रहा हूं”
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने किसानों की स्थिति को लेकर सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि किसानों की फसलें लगातार दो बार खराब हो चुकी हैं, लेकिन अब तक गिरदावरी के आदेश तक नहीं दिए गए।
जूली ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सदन में आए, लेकिन किसानों के लिए कोई घोषणा किए बिना चले गए। उन्होंने कहा, “आपदा राहत मंत्री को जैसे बेड़ियों में जकड़ रखा है। भिवाड़ी और अन्य इलाके पानी में डूबे हुए हैं, लेकिन सरकार को कोई चिंता नहीं है। मैं किसानों की आवाज को इस बहरी सरकार तक पहुंचाने के लिए जोर-जोर से बोल रहा हूं।”
आपदा राहत मंत्री का जवाब: “हर पीड़ित को मिलेगा मुआवजा”
विपक्ष के आरोपों के बीच आपदा राहत मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने सदन में जवाब देते हुए कहा कि सरकार हर पीड़ित को मुआवजा देगी। उन्होंने बताया कि स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड (SDRF) के नियमों के तहत सर्वे की प्रक्रिया पहले से चल रही है।
मीणा ने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया:
1 अगस्त से गिरदावरी शुरू हो चुकी है।
22 जिलों में असामान्य बारिश दर्ज हुई है।
16 जिलों में अतिरिक्त और 3 जिलों में सामान्य बारिश रही है।
अब तक 193 लोगों की मौत हुई है और 36 लोग घायल हुए हैं।
347 छोटे और 279 बड़े पशु मारे गए हैं।
1974 पक्के मकान, 752 कच्चे मकान और 190 झोपड़े ढह गए हैं।
3522 परिवारों के बर्तन और 2855 परिवारों के कपड़े नष्ट हुए हैं।
26 मृतकों के आश्रितों को 1.04 करोड़ रुपये का मुआवजा पहले ही दिया जा चुका है।
सदन में नारेबाजी और स्पीकर से नोकझोंक
दोपहर 2 बजे कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। स्पीकर ने कई बार शांत रहने की अपील की, लेकिन विपक्षी विधायक नहीं माने।
स्पीकर ने सख्त लहजे में कहा, “मैंने मंत्री से जवाब दिलवाया, लेकिन आपने सुना नहीं। वेल में आकर मिसबिहेव करना बर्दाश्त नहीं करूंगा।”
लगातार हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित होती रही। केवल 33 मिनट चली कार्यवाही के बाद विधानसभा को 8 सितंबर तक स्थगित कर दिया गया।
हंगामे के बीच पारित हुए तीन अहम बिल
विपक्ष के हंगामे के बावजूद सदन में तीन महत्वपूर्ण बिल पारित कर दिए गए। इनमें शामिल हैं:
राजस्थान माल और सेवा कर (GST) द्वितीय संशोधन विधेयक-2025
कारखाना राजस्थान संशोधन विधेयक-2025
कोचिंग रेगुलेशन विधेयक-2025
इन बिलों के पारित होने पर विपक्ष ने भी आपत्ति जताई और कहा कि हंगामे के बीच सरकार जल्दबाजी में कानून पास कर रही है।
कोचिंग संस्थानों पर लगाम कसने वाला नया बिल
बुधवार को ही विधानसभा ने राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट कंट्रोल्ड एंड रेगुलेशन बिल 2025 को पारित किया था। इस विधेयक का उद्देश्य राज्य में कोचिंग संस्थानों को नियंत्रित करना और छात्रों के हितों की रक्षा करना है।
कोटा जैसे शहरों में आत्महत्या की घटनाओं और छात्रों पर बढ़ते दबाव को देखते हुए इस बिल की मांग लंबे समय से की जा रही थी।
बिल के मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैं:
सभी कोचिंग संस्थानों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।
मनमानी फीस वसूली पर रोक लगाई जाएगी।
फीस वापसी का प्रावधान किया गया है।
नियमों का उल्लंघन करने वाले संस्थानों पर जुर्माना और संपत्ति जब्ती की कार्रवाई हो सकेगी।
निगरानी के लिए राज्य स्तर पर प्राधिकरण और जिला स्तर पर समितियां बनाई जाएंगी।
यह बिल छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए राहत की बड़ी उम्मीद बनकर आया है।
विधानसभा परिसर में कांग्रेस का प्रदर्शन
गुरुवार सुबह कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। टीकाराम जूली ट्रैक्टर चलाकर विधानसभा के वेस्टर्न गेट तक पहुंचे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने ट्रैक्टर को अंदर जाने से रोक दिया।
इसके बाद कांग्रेस विधायक पैदल ही प्रवेश द्वार तक पहुंचे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कई विधायकों ने हाथों में बैनर और खराब फसलें लेकर प्रदर्शन किया।