मनीषा शर्मा। राजस्थान के अलवर जिले में एक बार फिर दहशत का माहौल बन गया है। मिनी सचिवालय को बम से उड़ाने की धमकी भरा मेल जिला प्रशासन को मिला है। मेल में साफ शब्दों में लिखा गया है कि दोपहर 2 बजे तक मिनी सचिवालय को खाली कर दिया जाए, अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। धमकी मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस हरकत में आ गए और सचिवालय को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
धमकी भरा मेल तमिलनाडु से आया
अलवर की एडीएम सिटी बीना माहवार ने जानकारी दी कि धमकी भरा ईमेल तमिलनाडु से भेजा गया है। इसमें 2021 की डीएमके सरकार का जिक्र करते हुए सेक्स रैकेट से जुड़े मामलों का हवाला दिया गया है। मेल में सिर्फ अलवर ही नहीं बल्कि कई शहरों की महत्वपूर्ण इमारतों को भी आरडीएक्स से उड़ाने की धमकी दी गई है।
इससे पहले भी अलवर मिनी सचिवालय को दो बार ऐसी ही धमकियां मिल चुकी हैं। अब तीसरी बार मिली इस धमकी ने प्रशासन की चिंता और बढ़ा दी है।
देर रात आया मेल, सुबह मचा हड़कंप
मिली जानकारी के अनुसार, धमकी भरा ईमेल 7 सितंबर की देर रात जिला प्रशासन को प्राप्त हुआ। सुबह जैसे ही अधिकारियों को इस मेल की जानकारी मिली, तुरंत ही उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया। इसके बाद पुलिस और प्रशासनिक टीम ने मिनी सचिवालय खाली कराना शुरू कर दिया।
सुरक्षा की दृष्टि से इमारत में मेटल डिटेक्टर और अन्य सुरक्षा उपकरणों से जांच की जा रही है। पूरे परिसर को घेरकर तलाशी अभियान चलाया गया।
दोपहर 2 बजे तक का अल्टीमेटम
धमकी देने वाले ने मेल में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि दोपहर 2 बजे तक मिनी सचिवालय खाली कर दिया जाए। इस समयसीमा ने प्रशासन की चिंता और बढ़ा दी है। जिला प्रशासन ने तुरंत सभी संबंधित विभागों को सतर्क कर दिया है। पुलिस अधिकारियों की विशेष टीम मौके पर मौजूद है और हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
प्रशासन और पुलिस अलर्ट
एडीएम सिटी बीना माहवार ने बताया कि धमकी के मामले में आईटी टीम भी सक्रिय है। मेल की उत्पत्ति और भेजने वाले की पहचान के लिए तकनीकी जांच की जा रही है। साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी खुद पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अलवर ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। संवेदनशील इमारतों और सार्वजनिक स्थानों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
पहले भी मिल चुकी हैं धमकियां
यह पहली बार नहीं है जब अलवर के मिनी सचिवालय को बम से उड़ाने की धमकी मिली हो। इससे पहले भी दो बार ऐसी धमकियां दी जा चुकी हैं, हालांकि हर बार जांच में धमकियां फर्जी साबित हुई थीं। फिर भी, प्रशासन कोई जोखिम नहीं लेना चाहता और इस बार भी पूरे सतर्कता के साथ काम कर रहा है।