शोभना शर्मा। जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम (SMS Stadium) को लेकर सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ गई है। एक हफ्ते में पांच बार और एक ही दिन में दो बार बम से उड़ाने की धमकी मिलने के बाद अब इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जा रही है। इस स्टेडियम में आगामी दिनों में आईपीएल के तीन मैचों का आयोजन होना है, लेकिन लगातार मिल रही धमकियों से आयोजकों के साथ-साथ प्रशासन भी सतर्क हो गया है।
बुधवार को दो बार मिली धमकी, पहली बार सुबह खेल परिषद की ऑफिशियल ईमेल आईडी पर मेल आया, जिसमें लिखा गया कि पाकिस्तान से पंगा मत लो, हमारे पास भारत में स्लीपर सेल मौजूद हैं। मेल में आगे कहा गया कि “ऑपरेशन सिंदूर” का बदला लिया जाएगा और भारत के अस्पतालों को भी निशाना बनाया जाएगा।
दोपहर में आया दूसरा मेल और भी अधिक चौंकाने वाला था। इसमें लिखा गया कि “पुलिस बम की पहचान में सफल हो गई है, लेकिन मेरी धमकी को हल्के में न लें।” धमकी देने वाले ने एक बार फिर से एक रेप पीड़िता को न्याय दिलाने की बात उठाई और पुलिस को निष्क्रिय बताया। मेल में 2003 हैदराबाद के लेमन ट्री होटल के दोषी का ज़िक्र करते हुए उस व्यक्ति की पहचान आधार कार्ड से करने की बात भी कही गई।
ध्यान देने वाली बात यह है कि इससे पहले भी 13 मई, 12 मई और 8 मई को SMS स्टेडियम को बम से उड़ाने की धमकी दी जा चुकी है। हर बार धमकी में एक ही तरह का पैटर्न देखने को मिला है — स्लीपर सेल, ऑपरेशन सिंदूर और रेप पीड़िता का संदर्भ।
9 मई को जयपुर मेट्रो को भी बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। उस मेल में भी ऑपरेशन सिंदूर का हवाला दिया गया और लिखा गया कि मेट्रो स्टेशन और ट्रेन दोनों को उड़ाया जाएगा। हालांकि पुलिस और बम निरोधक दस्ते ने जांच के बाद किसी तरह का विस्फोटक नहीं पाया।
इससे पहले, 20 फरवरी को SMS मेडिकल कॉलेज को भी बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। प्रिंसिपल की ईमेल आईडी पर भेजे गए मेल में यह धमकी दी गई थी, जिसे 22 फरवरी की शाम को खोला गया। पुलिस को तत्काल सूचना दी गई थी, लेकिन वहां भी जांच में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
4 अक्टूबर 2024 को, जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट सहित देश के 100 से अधिक एयरपोर्ट्स को एक साथ उड़ाने की धमकी मिली थी। उस धमकी में दुनिया के ताकतवर देशों से अकेले टक्कर लेने की बात कहते हुए “बूम… बूम… बूम” जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। जांच के बाद उस मेल को भी फर्जी घोषित किया गया था।
जयपुर पुलिस और साइबर सेल अब सभी मेल्स की गहराई से जांच कर रही हैं। माना जा रहा है कि धमकी देने वाला व्यक्ति तकनीकी रूप से सक्षम है और साइबर सुरक्षाओं को चकमा देकर अलग-अलग संस्थानों को निशाना बना रहा है। मेल्स में दिए गए संदर्भ और घटनाओं को जोड़कर अब जांच एजेंसियां मास्टर माइंड की तलाश में जुट गई हैं।