शोभना शर्मा, अजमेर। रेल यात्रियों की सुविधा के लिए, भारतीय रेलवे ने अजमेर मंडल में ट्रेनों में सामान बेचने वाले विक्रेताओं (वेंडर्स) के लिए लाइसेंस जारी करने का निर्णय लिया है। यह पहल यात्रियों को अपनी सीटों पर ही आवश्यक वस्तुएं खरीदने की सुविधा प्रदान करेगी, जिससे उन्हें स्टेशनों पर इधर-उधर भटकने की आवश्यकता नहीं होगी।
प्रथम चरण में, रेलवे ने 25 वेंडर्स को लाइसेंस जारी किए हैं। इन विक्रेताओं को अब निर्धारित पोशाक पहनकर यात्री डिब्बों में आधिकारिक तौर पर सामान बेचने की अनुमति होगी।
विक्रेताओं को क्या मिलेगा:
- लाइसेंस: रेलवे द्वारा जारी एक आधिकारिक लाइसेंस, जो उन्हें ट्रेनों में सामान बेचने की वैधता प्रदान करेगा।
- ID कार्ड: एक पहचान पत्र जो उन्हें अधिकृत विक्रेता के रूप में प्रमाणित करेगा।
- निर्धारित पोशाक: एक वर्दी जो उन्हें अन्य यात्रियों से अलग करेगी और उनकी पहचान आसान बनाएगी।
विक्रेता क्या बेच सकते हैं:
- अनिवार्य वस्तुएं: ताला, चेन, तकिया, टूथब्रश, हैंडवॉश, पेपर सोप, कोविड-संबंधित उत्पाद जैसे मास्क, सैनिटाइजर, सेनेटरी नैपकिन, बेबी डायपर, कॉस्मेटिक उत्पाद, रूमाल, छोटे तौलिये, मोबाइल और लैपटॉप एक्सेसरीज, चार्जिंग केबल, इयरफ़ोन, समाचार पत्र, पत्रिकाएं, हेयर केयर उत्पाद और स्टेशनरी उत्पाद।
- फल: ताजे और स्वच्छ फल।
कहां मिलेगा सामान:
यह योजना अजमेर मंडल की एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों, डीएमयू और ईएमयू गाड़ियों में लागू होगी। विक्रेता अजमेर-पालनपुर, अजमेर-चित्तौड़गढ़, चंदेरिया, हिमतनगर, मावली और बड़ी सादड़ी के बीच ऑन-बोर्ड वेंडिंग के लिए अधिकृत होंगे।
वेंडिंग अवधि:
सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक होगी।
नशीले पदार्थों पर प्रतिबंध:
गुटखा, तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री सख्ती से प्रतिबंधित है।