शोभना शर्मा। जयपुर शहर में आज नाइन डॉट स्क्वेयर्स के तीसरे डिजाइन उत्सव का भव्य आगाज हुआ। इस अनूठे आयोजन का उद्घाटन जयपुर के प्रख्यात आर्किटेक्ट रवि गुप्ता ने किया। इस अवसर पर कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे, जिन्होंने भारतीय शिल्प, आर्किटेक्चर और आधुनिक डिजाइन की इस भव्य प्रदर्शनी की सराहना की।
आरआईसी (राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर) में आयोजित इस तीन दिवसीय उत्सव का उद्देश्य भारतीय पारंपरिक शिल्प कौशल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना है। यह उत्सव भारत के शिल्पकारों, डिजाइनरों और आर्किटेक्ट्स को एक मंच प्रदान कर रहा है, जहां वे अपने अद्वितीय कारीगरी के नमूने प्रस्तुत कर सकते हैं।
शिल्प और डिजाइन का संगम: पारंपरिक कारीगरी का आधुनिक रूप
डिजाइन उत्सव में चार प्रमुख क्षेत्रों—इंटीरियर, डेकोर, इंस्टॉलेशन और वर्कशॉप—को केंद्र में रखते हुए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए कारीगरों और डिजाइनरों ने अपने अनूठे उत्पाद प्रदर्शित किए। इनमें मोची टाका, आइनाकारी, पिछवाई पेंटिंग, मेटल ठुकाई, पीतल और पत्थर की इनले जैसी पारंपरिक कलाओं को आधुनिक डिजाइन के साथ मिलाकर पेश किया गया।
इस बार की खासियत यह है कि आयोजन स्थल को सजाने में पेपर हनीकॉम्ब बोर्ड का उपयोग किया गया है। इससे न केवल डिजाइन को एक नया रूप मिला है, बल्कि यह पर्यावरण के प्रति जागरूकता को भी दर्शाता है।
गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति और विशेष सत्र
इस उत्सव में कई प्रतिष्ठित लोग शामिल हुए। उद्घाटन समारोह में आर्किटेक्ट रवि गुप्ता, रश्मि गुप्ता, आईआईए मेंबर गौरव अग्रवाल, विक्की फाउंडर प्रेजिडेंट शालिनी गहलोत, विक्की प्रेजिडेंट कविता जैन, डिजाइनर सुनीता शेखावत, सीनियर आर्किटेक्ट ध्रुव गुप्ता, संजय कोठरी, प्रमोद जैन और जयश्री पेरिवाल जैसे प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति रही।
उत्सव के क्यूरेटर रितु खंडेलवाल ने बताया कि इस साल का उत्सव कई नई विशेषताओं से भरपूर है। उद्घाटन के दिन ही नुक्कड़ नाटक “पानी के रंग बावड़ी के संग”, डिजिटल म्यूजियम, ब्लॉक प्रिंटिंग वर्कशॉप, साइलेंट स्पेस और ओरिगामी डिजाइन वर्कशॉप जैसी अनूठी प्रस्तुतियों ने आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
नाइन डॉट स्क्वेयर्स: एक नई सोच का परिचायक
नाइन डॉट स्क्वेयर्स सिर्फ एक डिजाइन उत्सव नहीं है, बल्कि यह एक अद्वितीय अवधारणा भी है, जो कला, शिल्प और वास्तुकला को नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है। इस बार आयोजन समिति ने जयपुर और उसके आसपास की बावड़ियों के संरक्षण और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एक संपूर्ण अनुभव तैयार किया है।
इस पहल के तहत लोगों को बावड़ियों के ऐतिहासिक महत्व और उनके जल संरक्षण में योगदान के बारे में जागरूक किया जा रहा है। यह पहल पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और जयपुरवासियों को अपनी ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए प्रेरित कर रही है।
कल का मुख्य आकर्षण: विभिन्न वर्कशॉप और गतिविधियां
डिजाइन उत्सव के दूसरे दिन कई रोचक वर्कशॉप और गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इनमें शामिल हैं:
प्ले विथ क्ले वर्कशॉप – इसमें लोग अपनी आंखें बंद करके क्ले के साथ डिजाइन बनाने का अनुभव प्राप्त करेंगे।
मार्बल इफेक्ट वर्कशॉप – मार्बल की प्राकृतिक सुंदरता को डिजाइन में कैसे उतारा जाए, यह सिखाया जाएगा।
डेकोपेज वर्कशॉप – यह एक विशेष शिल्प विधि है, जिसमें कागज और अन्य सामग्रियों से अद्वितीय डिजाइन बनाए जाते हैं।
ब्लू पोटरी वर्कशॉप – जयपुर की विश्वप्रसिद्ध ब्लू पोटरी को सीखने और अनुभव करने का मौका मिलेगा।
लाइव म्यूजिक – संगीत प्रेमियों के लिए विशेष लाइव म्यूजिक परफॉर्मेंस आयोजित किया जाएगा।
प्रोडक्ट डिस्प्ले – विभिन्न डिजाइनरों और शिल्पकारों के अनूठे उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा।
डिजाइन उत्सव का महत्व और भविष्य की संभावनाएं
नाइन डॉट स्क्वेयर्स के इस उत्सव का उद्देश्य सिर्फ शिल्प और डिजाइन को प्रदर्शित करना नहीं है, बल्कि यह भारतीय कारीगरों और नवाचार करने वाली कंपनियों को वैश्विक मंच प्रदान करने का भी एक महत्वपूर्ण जरिया है।
इस आयोजन में आईआईए राजस्थान चैप्टर, विक्की राजस्थान आर्किटेक्चर काउंसिल, टाई राजस्थान और आईआईआईडी जैसी प्रमुख संस्थाएं भी भाग ले रही हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि डिजाइन और वास्तुकला जगत में यह उत्सव कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
कई नामी डिजाइनर्स ने इस फेस्टिवल के लिए विशेष डिजाइन तैयार किए हैं, जो भारतीय परंपराओं को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करते हैं। इस आयोजन के माध्यम से, आगंतुकों को भारतीय कारीगरों की प्रेरणादायक कहानियां भी सुनने को मिलेंगी, जो अपने काम से डिजाइन की सीमाओं को आगे बढ़ा रहे हैं।