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राजस्थान कांग्रेस में 3 नए सहप्रभारी को सौंपे गए ये जिले

राजस्थान कांग्रेस में 3 नए सहप्रभारी को सौंपे गए ये जिले

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में कांग्रेस लगातार अपने संगठन को मजबूत करने में जुटी हुई है. पहले प्रभारी की नियुक्ति उसके बाद 3 सहप्रभारियों की नियुक्ति की गई. अब इन 3 नए प्रभारियों का काम भी बांट दिया गया है. रविवार को राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने एक लैटर जारी कर अमृता धवन, वीरेंद्र सिंह राठौड़ और मोहम्मद निजामुद्दीन के काम का बंटवारा कर दिया. इन सभी को 11-11 जिलें दिए गए हैं.

अब तीनों प्रभारी को अपने-अपने जिलों में चुनावी रणनीति पर काम करना है. पहले तीनों सहप्रभारी इन जिलों का दौरा कर वहां की स्थिति समझेंगे. उसके बाद जिलास्तर पर संगठन में बदलाव किया जाएगा.

अमृता धवन को मिले यह जिले
दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और राजस्थान की नई सहप्रभारी अमृता धवन को महत्वपूर्ण जिलों की कमान सौंपी गई है. इनमें जयपुर, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, दौसा, सवाई माधोपुर, टोंक, सीकर बूंदी और कोटा शामिल है. पूर्वी राजस्थान समेत इन जिलों में बीजेपी की तुलना में कांग्रेस की स्थिति पिछले चुनाव में बेहतर थी. इस बार इसी माहौल का बनाकर चुनाव जीतना धवन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा.

वीरेंद्र सिंह राठौर का मिले यह जिले
वीरेंद्र सिंह इससे पहले गुजरात में सह प्रभारी रहे हैं, अब राजस्थान की कमान मिली है, इनको श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, झुंझुनूं, बीकानेर, चूरू, नागौर, अजमेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर और पाली जिले की जिम्मेदारी मिली है.

काजी निजामुद्दीन का मिले यह जिले
काजी निजामुद्दीन उत्तराखंड के पूर्व विधायक हैं, काजी पिछले चुनाव में भी सह प्रभारी सचिव रहे हैं. यह राजस्थान के चुनाव को समझते हैं, इनको बांसवाड़ा, डूंगरपुर, जालोर, प्रतापगढ़, सिरोही, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, झालावाड़, राजसमंद व उदयपुर की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यहां भाजपा का स्थिति मजबूत मानी जाती है.

22 अप्रैल को नियुक्ति किए गए थे 3 सहप्रभारी
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को आगामी चुनावों को देखते हुए 3 नए प्रभारी को नियुक्ति दी गई थी. राजस्थान में संगठन और नेताओं के बीच सामंजस्य बनाने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने अलग-अलग राज्यों के नेताओं को यह नियुक्ति दी है, प्रभारी और सहप्रभारी सभी अलग-अलग राज्यों से आते हैं, 4 राज्यों के नेताओं के साथ साथ आलाकमान राजस्थान में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने में जुटा है.

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