मनीषा शर्मा। राजस्थान सरकार ने हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इनमें प्रमुख रूप से जैसलमेर में 2600 मेगावाट का सोलर प्रोजेक्ट स्थापित करने की मंजूरी और चतुर्थ श्रेणी तथा ड्राइवर पदों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा अनिवार्य करने का निर्णय शामिल है। इसके अलावा, उद्योगों के लिए खेजड़ी और अन्य पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध भी लगाया गया है, जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट की मंजूरी
कैबिनेट बैठक में जैसलमेर में 2600 मेगावाट का सोलर प्रोजेक्ट स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित करने का फैसला लिया गया। कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत कंपनियों को बड़ी मात्रा में जमीन उपलब्ध कराई जाएगी, लेकिन इन जमीनों पर लगे पेड़ों, विशेष रूप से खेजड़ी के पेड़ों, को नहीं काटा जाएगा। अगर किसी कारण से पेड़ों की कटाई आवश्यक होती है, तो संबंधित कंपनियों को दोगुने पेड़ लगाने होंगे। इससे राजस्थान को स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अब तक राज्य में सोलर और विंड ऊर्जा के लिए 10,418 हेक्टेयर जमीन का आवंटन किया जा चुका है।
चतुर्थ श्रेणी और ड्राइवर भर्ती में बदलाव
कैबिनेट बैठक में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और ड्राइवर की भर्ती प्रक्रिया में बड़े बदलाव किए गए। अब इन पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी। चतुर्थ श्रेणी पद के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास निर्धारित की गई है, जबकि पहले यह 8वीं पास थी। कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि राज्य में 60,000 चतुर्थ श्रेणी पद और 23,000 ड्राइवर पद खाली हैं, जिनकी भर्ती अब लिखित परीक्षा के माध्यम से की जाएगी।
ग्रेड-पे में बदलाव
मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए कैबिनेट ने ग्रेड-पे में भी बढ़ोतरी की घोषणा की है। अब L-15 (6000) के स्थान पर कर्मचारियों को L-16 (6600) पे स्केल मिलेगा। राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ ने इस निर्णय का स्वागत किया है और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभार व्यक्त किया है। इसके अलावा, सफाईकर्मियों की भर्ती में 2 साल का अनुभव अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे इस प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।
राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (RIPS)-2024 की मंजूरी
प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (RIPS)-2024 को मंजूरी दी है। इसके तहत 50 करोड़ रुपए के न्यूनतम निवेश की सीमा को घटाकर 25 करोड़ कर दिया गया है, जबकि पर्यटन क्षेत्र में यह सीमा 10 करोड़ होगी। नई नीति में पहले से चल रही इकाइयों को भी शामिल किया गया है, जिससे पुराने उद्योगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इस नीति का उद्देश्य राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश को आकर्षित करना और रोजगार के नए अवसर सृजित करना है।
स्वतंत्र पत्रकारों के लिए नियमों में बदलाव
स्वतंत्र पत्रकारों की मान्यता के लिए आयु सीमा को घटाकर 50 वर्ष से 45 वर्ष कर दिया गया है, साथ ही अनुभव की अनिवार्यता को भी 25 वर्ष से घटाकर 15 वर्ष कर दिया गया है। यह निर्णय स्वतंत्र पत्रकारों को अधिक अवसर प्रदान करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
पेड़ों की कटाई पर सख्ती
पश्चिमी राजस्थान में सोलर और विंड प्रोजेक्ट के तहत आवंटित जमीनों पर कंपनियां खेजड़ी और अन्य पेड़ काट रही थीं, जिस पर अब सरकार ने सख्त निर्देश दिए हैं। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि कंपनियों को अब पेड़ों को बचाने की कोशिश करनी होगी, और अगर पेड़ काटने की जरूरत पड़े, तो उनकी जगह दोगुने पेड़ लगाने होंगे। इस कदम से राज्य में पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी और स्थानीय समुदायों की पर्यावरणीय चिंताओं को भी संबोधित किया जाएगा।
अन्य महत्वपूर्ण फैसले
कैबिनेट बैठक में पंचायतीराज विभाग के समान पदों का एक समान पदनाम रखने का भी निर्णय लिया गया है। इन पदों की भर्ती प्रक्रिया अब राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से होगी। इससे भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित होगी।
कांग्रेस सरकार पर निशाना
प्रेसवार्ता के दौरान उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने कांग्रेस सरकार की नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार ने “रेवड़ियां बांटी थीं”, जिससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार प्रदेश की माली हालत को सुधारने में जुटी हुई है और जल्द ही संविदाकर्मियों को न्यूनतम वेतन और समय पर वेतन देने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।