शोभना शर्मा। क्रेडिट स्कोर का नाम लगभग हर लोन लेने वाले व्यक्ति ने सुना होगा। यह वह आंकड़ा है, जो आपके लोन लेने और चुकाने की आदतों को दर्शाता है। अक्सर माना जाता है कि अगर आप समय पर लोन की EMI भरते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर अपने आप बढ़ता रहेगा। लेकिन कई लोग इस हैरानी में पड़ जाते हैं कि समय पर भुगतान करने के बावजूद उनका क्रेडिट स्कोर गिर रहा है। यह समस्या सिर्फ आपकी नहीं है, बल्कि कई लोगों के साथ हो रही है। इसके पीछे की असली वजह को समझने के लिए हमें क्रेडिट स्कोर की पूरी प्रक्रिया को जानना जरूरी है।
सिबिल स्कोर क्या है और क्यों जरूरी है?
सिबिल स्कोर, जिसे क्रेडिट स्कोर भी कहते हैं, का पूरा नाम है Credit Information Bureau (India) Limited Score। भारत में इसकी रेंज 300 से 900 तक होती है। 300 के करीब का स्कोर कमजोर माना जाता है, जबकि 900 के करीब का स्कोर बेहतरीन माना जाता है। बैंक और वित्तीय संस्थान लोन देने से पहले आपके सिबिल स्कोर को देखते हैं ताकि यह तय कर सकें कि आप लोन चुकाने में कितने सक्षम हैं।
सिबिल स्कोर के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार होती है, जिसमें आपके सभी पिछले और मौजूदा लोन, क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल, भुगतान का इतिहास और किसी भी तरह के डिफॉल्ट का रिकॉर्ड दर्ज होता है। इसे आपकी क्रेडिट हिस्ट्री का आईना कहा जा सकता है, जिसमें बैंक देख सकता है कि आपको लोन देने में रिस्क है या नहीं।
कौन बनाता है सिबिल स्कोर?
भारत में सिबिल स्कोर तैयार करने का काम ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड नाम की कंपनी करती है, जिसे क्रेडिट ब्यूरो भी कहते हैं। इसके पास देश के लगभग हर नागरिक के पैन कार्ड से जुड़ी वित्तीय जानकारी होती है। जैसे ही आप कोई लोन लेते हैं, बैंक उस लोन की जानकारी क्रेडिट ब्यूरो को भेज देता है और समय-समय पर इसका अपडेट भी करता है।
मान लीजिए आपने बैंक A से ₹10,000 का लोन लिया, तो बैंक इसकी जानकारी सिबिल को देगा। अगर आप बैंक B से ₹15,000 का नया लोन लेना चाहेंगे, तो बैंक B आपके सिबिल स्कोर और रिपोर्ट की जांच करेगा। अगर उसमें यह दिखा कि आप पहले वाले लोन की किस्तें समय पर नहीं भर रहे, तो नया लोन देने में बैंक हिचकिचाएगा या फिर ऊंची ब्याज दर पर ही लोन देगा।
समय पर लोन भरने के बावजूद स्कोर क्यों गिरता है?
अब असली सवाल यह है कि अगर आप समय पर EMI भर रहे हैं, तो स्कोर गिर क्यों रहा है? इसकी एक बड़ी वजह है बैंक से क्रेडिट ब्यूरो तक जानकारी का अपडेट न होना। कई बार तकनीकी कारणों या लापरवाही के चलते बैंक समय पर आपकी भुगतान जानकारी सिबिल को नहीं भेज पाता। नतीजा यह होता है कि आपकी रिपोर्ट पुरानी जानकारी पर आधारित रहती है और स्कोर घटने लगता है।
इस स्थिति में आपकी कोई गलती नहीं होती, लेकिन नुकसान आपको झेलना पड़ता है। बैंक का डेटा अपडेट न होना, सिबिल स्कोर गिरने की एक आम और छिपी हुई वजह है, जिसे लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं।
क्या करें अगर स्कोर गिर रहा है?
अगर आपको लगता है कि समय पर EMI भरने के बावजूद आपका स्कोर कम हो रहा है, तो सबसे पहले अपने बैंक या वित्तीय संस्था से संपर्क करें। उनसे यह सुनिश्चित करें कि उन्होंने आपकी भुगतान जानकारी समय पर क्रेडिट ब्यूरो को भेजी है या नहीं। अगर तकनीकी समस्या है, तो उसका समाधान करवाएं और फिर से रिपोर्ट अपडेट कराएं।
इसके अलावा, समय-समय पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करते रहें। भारत में आप साल में एक बार अपनी क्रेडिट रिपोर्ट मुफ्त में देख सकते हैं। रिपोर्ट में कोई गलती या पुरानी जानकारी दिखे तो तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।
सही जानकारी और जागरूकता से बच सकते हैं नुकसान से
क्रेडिट स्कोर आपके वित्तीय स्वास्थ्य का एक अहम पैमाना है। अगर यह कम हो जाता है, तो आपको लोन लेना मुश्किल हो सकता है या महंगे ब्याज दर पर ही लोन मिलेगा। इसलिए केवल समय पर भुगतान करना ही काफी नहीं है, बल्कि यह भी जरूरी है कि आपकी भुगतान जानकारी सही समय पर और सही तरीके से क्रेडिट ब्यूरो तक पहुंचे।
एक जागरूक ग्राहक के तौर पर आपको अपने वित्तीय रिकॉर्ड की निगरानी करनी चाहिए। इससे न केवल आपका स्कोर स्थिर रहेगा, बल्कि जरूरत पड़ने पर आपको आसानी से और बेहतर शर्तों पर लोन भी मिल सकेगा।