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DRDO में सुरक्षा चूक: गेस्ट हाउस के मैनेजर ने लीक की जानकारी

DRDO में सुरक्षा चूक: गेस्ट हाउस के मैनेजर ने लीक की जानकारी

शोभना शर्मा। राजस्थान के चंदन फील्ड फायरिंग रेंज में स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के अति-गोपनीय गेस्ट हाउस में एक गंभीर सुरक्षा चूक का मामला सामने आया है। यहां के गेस्ट हाउस मैनेजर महेंद्र प्रसाद, जो कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत थे, पर आरोप है कि उन्होंने भारत के शीर्ष रक्षा वैज्ञानिकों और संवेदनशील रक्षा परियोजनाओं से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को लीक की।

चौंकाने वाली बात यह है कि यह गेस्ट हाउस इतना गुप्त स्थान पर है कि सामान्य नागरिकों को इसके परिसर में जाने की भी अनुमति नहीं होती। यहां वे वैज्ञानिक और रक्षा कर्मी ठहरते हैं जो देश की सबसे गोपनीय परियोजनाओं पर काम करते हैं। ऐसे में किसी बाहरी व्यक्ति को इसका प्रबंधन सौंपना, सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़े सवाल खड़े करता है। यह प्रबंधन एमआर एंटरप्राइजेज नामक निजी कंपनी के पास था, जहां महेंद्र प्रसाद पिछले पांच साल से अनुबंध के तहत मैनेजर के रूप में काम कर रहा था।

सूत्रों के मुताबिक, महेंद्र के पास गेस्ट हाउस में ठहरने वाले वैज्ञानिकों और रक्षा अधिकारियों के नाम, पद, मोबाइल नंबर और ठहरने की अवधि जैसी संवेदनशील जानकारी ईमेल और पत्रों के जरिए पहुंचती थी। यह जानकारी अत्यंत गोपनीय होती है, क्योंकि इससे किसी भी व्यक्ति की गतिविधियों और उनकी परियोजनाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है। आरोप है कि महेंद्र ने यह जानकारी, यहां तक कि पूरे ईमेल, सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप के माध्यम से अपने पाकिस्तानी आकाओं तक पहुंचाई।

महेंद्र का संपर्क पाकिस्तान में मौजूद एक व्यक्ति से था, जिसे वह केवल “कर्नल” नाम से सेव करता था। यह व्यक्ति पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से जुड़ा बताया जा रहा है। महेंद्र और इस कर्नल के बीच लगातार 3-4 दिन तक बातचीत होने के प्रमाण फॉरेंसिक जांच में मिले हैं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि महेंद्र को इसके बदले में कितनी रकम दी गई थी, लेकिन आशंका है कि उसे नकद भुगतान किया गया होगा, ताकि लेन-देन का कोई डिजिटल रिकॉर्ड न रहे।

यह घटना इसलिए और गंभीर हो जाती है क्योंकि चंदन और पोखरण थार रेगिस्तान में भारत के नए हथियार और मिसाइल सिस्टम का परीक्षण किया जाता है। महेंद्र के पास यह जानकारी भी थी कि कौन-सी टीम कब आएगी, उसका नेतृत्व कौन करेगा और टीम में कौन-कौन सदस्य होंगे। यह जानकारी अगर दुश्मन देश तक पहुंचती है तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे से कम नहीं है।

सूत्रों का मानना है कि महेंद्र ने पिनाका रॉकेट प्रणाली जैसे प्रोजेक्ट्स की जानकारी भी लीक की हो सकती है। इस प्रणाली का परीक्षण पोखरण में अप्रैल और अगस्त 2022 में हुआ था। अगर यह जानकारी पाकिस्तानी एजेंसियों को मिल गई होगी, तो वे इन हथियारों की क्षमता और तकनीकी खामियों का विश्लेषण कर सकती हैं, जिससे भारत की सामरिक बढ़त को नुकसान पहुंच सकता है।

महेंद्र की गिरफ्तारी उस समय हुई जब वह DRDO के गेस्ट हाउस में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी मौजूद था। जांच एजेंसियों को यह भी शक है कि उस समय भी उसने महत्वपूर्ण सूचनाएं बाहर भेजी होंगी। फिलहाल राजस्थान पुलिस ने उसे दो दिन की रिमांड पर लिया है, जबकि खुफिया एजेंसियां उसके संपर्कों, लेन-देन और संचार नेटवर्क की गहन जांच कर रही हैं।

महेंद्र के पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। इन फोनों की एफएसएल रिपोर्ट से यह पुष्टि हुई है कि वह अपने पाकिस्तानी संपर्क के साथ सीधे व्हाट्सऐप पर बातचीत करता था। यह बातचीत कोड वर्ड्स और सावधानीपूर्वक चुने गए संदेशों में होती थी, ताकि किसी तीसरे व्यक्ति को शक न हो।

अगर जांच में यह साबित हो जाता है कि महेंद्र ने वैज्ञानिकों के फोन नंबर और व्यक्तिगत जानकारी दुश्मन देश को दी है, तो यह सीधे तौर पर उनकी सुरक्षा और मिशन की गोपनीयता के लिए गंभीर खतरा साबित होगा। यह घटना न केवल DRDO बल्कि पूरे देश के सुरक्षा तंत्र के लिए एक सबक है कि आंतरिक सुरक्षा की अनदेखी भी उतनी ही खतरनाक हो सकती है जितनी बाहरी हमले।

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