शोभना शर्मा। बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे गंभीर अत्याचारों और मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर राजस्थान के प्रबुद्धजनों ने चिंता जताई है। इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने के लिए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव और भारत के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन राज्यपाल को प्रस्तुत किया गया, जिसमें बांग्लादेश में हो रही हिंसक घटनाओं पर रोक लगाने और पीड़ित समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर चिंता
ज्ञापन में बताया गया कि बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट और मोहम्मद यूनुस के सत्ता में आने के बाद से धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ गए हैं। कट्टरपंथी संगठनों द्वारा हिंदुओं के घरों, धार्मिक स्थलों, और इस्कॉन मंदिरों पर हमले किए जा रहे हैं। उनकी धार्मिक स्वतंत्रता छीनने और धर्मांतरण के लिए दबाव डालने की घटनाएं भी सामने आई हैं।
ज्ञापन में इस बात का भी उल्लेख किया गया कि बांग्लादेश सरकार न केवल इन घटनाओं को अनदेखा कर रही है, बल्कि कट्टरपंथियों का अप्रत्यक्ष समर्थन भी कर रही है। धार्मिक संस्थाओं से जुड़े लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाकर जेलों में डाला जा रहा है, जिनमें स्वामी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी जैसे सम्मानित नाम भी शामिल हैं।
प्रबुद्धजनों की मांग
ज्ञापन में प्रबुद्धजनों ने संयुक्त राष्ट्र से निम्नलिखित मांगें की हैं:
- बांग्लादेश में मानवाधिकार उल्लंघनों की जांच के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजा जाए।
- हिंसा के शिकार हुए हिंदू समुदाय के पुनर्वास और क्षतिपूर्ति की व्यवस्था की जाए।
- बांग्लादेश में शांति सेना तैनात की जाए।
- हिंदुओं की सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए संवैधानिक व्यवस्था बनाई जाए।
प्रतिनिधिमंडल की भागीदारी
ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश एनके जैन, पूर्व सैन्य अधिकारी कर्नल देवानंद लोमरोड, लेफ्टिनेंट कर्नल महावीर सैनी, सेवानिवृत नौसेना अधिकारी कमांडर प्रियंका चौधरी, पूर्व कुलपति मोहनलाल छीपा, और अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष जसबीर सिंह जैसे सम्मानित व्यक्तित्व शामिल थे। इसके अतिरिक्त, न्यायपालिका, प्रशासन, सेना, शिक्षा, और चिकित्सा के क्षेत्रों से जुड़े पचास से अधिक प्रबुद्धजनों ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की आवश्यकता
राजस्थान नागरिक वृंद के अनुसार, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन हैं। ज्ञापन में अपील की गई है कि यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स काउंसिल (UNHRC) तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करे। बांग्लादेश में हिंसा और धर्मांतरण की घटनाओं को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाया जाना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र से शांति सेना की मांग
बांग्लादेश में हिंसा की गंभीरता को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र से शांति सेना भेजने की अपील की गई है। यह कदम वहां के धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और कट्टरपंथी ताकतों को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है।