शोभना शर्मा। आईपीएल 2025 का खुमार पूरे देश में चढ़ा हुआ है, और राजधानी जयपुर भी इससे अछूती नहीं है। आगामी 13 अप्रैल को सवाई मानसिंह स्टेडियम में होने वाले बहुचर्चित मुकाबले को लेकर क्रीड़ा परिषद ने तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ी है। लेकिन मैदान पर एक अलग ही तस्वीर नजर आ रही है, जिसमें स्टेडियम का अधूरा निर्माण, सुरक्षा मानकों की अनदेखी और आयोजन को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं।
सिर्फ तीन दिन बाद होने वाले इस मैच के लिए तैयारियों का हाल ये है कि पवेलियन अभी तक पूरी तरह तैयार नहीं हो पाया है। बीसीसीआई की निरीक्षण टीम ने स्टेडियम की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंता जताई है। स्टेडियम की दीवारें, फर्नीचर, और लॉजिस्टिक्स कार्य अब तक अधूरे पड़े हैं, जिससे यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या इतने कम समय में इसे पूरी तरह मैच के लायक बनाया जा सकेगा? इस स्थिति को देखते हुए क्रीड़ा परिषद ने तत्काल एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई और सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के अवकाश तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए। खेल सचिव नीरज के. पवन ने स्पष्ट आदेश जारी किए हैं कि “आईपीएल जैसे बड़े आयोजन को सफल बनाने के लिए परिषद कार्यालय अब प्रतिदिन खुलेगा और सभी कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर उपस्थित रहेंगे।”
स्थिति तब और गंभीर हो गई जब जानकारी सामने आई कि स्टेडियम में चल रहे निर्माण को अभी तक सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) की स्वीकृति नहीं मिली है। इसका मतलब है कि मौजूदा निर्माण कार्य तकनीकी और कानूनी मानकों को पूरा नहीं कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति दर्शकों की सुरक्षा पर सीधा खतरा बन सकती है, विशेषकर तब जब हजारों लोग एक साथ स्टेडियम में एकत्र होंगे। इस बीच, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी 13 अप्रैल को स्टेडियम में मौजूद रहेंगे और मैच का आनंद लेंगे। मुख्यमंत्री की उपस्थिति को देखते हुए तैयारियों को लेकर और अधिक सतर्कता की जरूरत है, लेकिन वर्तमान हालात उत्साह के बजाय चिंता का कारण बन रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, स्टेडियम के कई हिस्सों में फिनिशिंग वर्क बाकी है, और दर्शक दीर्घा के कुछ हिस्से अब भी अधूरे पड़े हैं।
राजस्थान रॉयल्स की टीम बुधवार को जयपुर पहुंचने वाली है और उसी दिन शाम को प्रैक्टिस सेशन प्रस्तावित है। लेकिन टीम मैनेजमेंट और बीसीसीआई अधिकारियों को स्टेडियम की वर्तमान दशा को देखकर निराशा हुई है। टीम ऑपरेशन मैनेजर राजीव खन्ना के पास इस संदर्भ में कोई ठोस जवाब नहीं है, जिससे आयोजन की पारदर्शिता और जिम्मेदारी पर सवाल उठते हैं। खेल सचिव नीरज के. पवन ने खुद भी स्टेडियम की स्थिति को लेकर असमंजस जताया और कहा कि “हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि आयोजन बिना किसी बाधा के संपन्न हो, लेकिन तकनीकी और निर्माण संबंधित कुछ अड़चनें हैं जिनसे निपटना चुनौतीपूर्ण है।”
अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या क्रीड़ा परिषद नियमों की अनदेखी कर आयोजन को केवल दिखावे के लिए सफल बनाएगी, या फिर सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर उचित निर्णय लिया जाएगा? ऐसी स्थिति में PWD की स्वीकृति के बिना आयोजन को आगे बढ़ाना न केवल कानूनी रूप से संदिग्ध है, बल्कि एक बड़ा सुरक्षा जोखिम भी है। आईपीएल जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में इस प्रकार की लापरवाही राजस्थान की साख पर असर डाल सकती है। प्रशंसक, खिलाड़ी, और प्रशासनिक अधिकारी सभी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि क्या सवाई मानसिंह स्टेडियम 13 अप्रैल तक पूरी तरह से तैयार हो पाएगा?
अंततः यह तय करना अब प्रशासन और क्रीड़ा परिषद की जिम्मेदारी है कि वे इस आयोजन को सफल बनाने के लिए क्या उचित कदम उठाते हैं—लेकिन अधूरी तैयारियों और नियमों की अनदेखी के साथ किसी भी तरह की जल्दबाज़ी भविष्य में भारी पड़ सकती है।