मनीषा शर्मा, अजमेर। अजमेर डिस्कॉम क्षेत्र में जल्द ही पहला गैस इंसुलेटेड सब स्टेशन (GIS) स्थापित किया जाएगा। यह 132 केवी क्षमता का होगा और इसके ऊपर दो मंजिला भवन बनाया जाएगा, जिसमें कई सरकारी दफ्तर संचालित होंगे। इस आधुनिक सब स्टेशन के निर्माण से बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार होगा और उपभोक्ताओं को अधिक सुविधाएं मिलेंगी। राजस्थान प्रसारण निगम ने इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया है, जो अजमेर में बिजली व्यवस्था को नई दिशा देगा।
जगह की कमी के चलते लिया गया फैसला
राजस्थान सरकार ने अजमेर के हाथीभाटा क्षेत्र में 132 केवी सब स्टेशन बनाने की घोषणा की थी। लेकिन, वहां पर्याप्त भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण गैस इंसुलेटेड सब स्टेशन (GIS) बनाने की योजना बनाई गई। परंपरागत ग्रिड सब स्टेशन (GSS) के लिए लगभग 2.5 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होती है, जबकि GIS के लिए मात्र 0.25 हेक्टेयर भूमि की जरूरत होती है। जगह की इस बचत को ध्यान में रखते हुए GIS तकनीक को अपनाने का निर्णय लिया गया।
तकनीकी विशेषताएं और खर्च
साधारण ग्रिड सब स्टेशन (GSS) में ब्रेकर, करंट ट्रांसफॉर्मर और प्रोटेंशियल ट्रांसफॉर्मर अलग-अलग स्थापित किए जाते हैं। लेकिन, GIS तकनीक में ये सभी उपकरण एक कॉम्पैक्ट गैस चैम्बर में बंद होते हैं।
- परंपरागत GSS की लागत: लगभग 25 करोड़ रुपये
- GIS की अनुमानित लागत: लगभग 90-100 करोड़ रुपये
- जीवनकाल: 50 वर्ष (समान्य GSS की तरह)
हालांकि, इस सब स्टेशन की लागत ज्यादा है, लेकिन यह स्पेस सेविंग, उच्च विश्वसनीयता और कम मेंटेनेंस लागत जैसी विशेषताओं के कारण फायदेमंद साबित होगा।
बिछाई जाएगी 7 किलोमीटर अंडरग्राउंड केबल
GIS सब स्टेशन की बिजली आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिए 7 किलोमीटर लंबी अंडरग्राउंड केबल बिछाई जाएगी। यह केबल घूघरा और मदार के बीच बने ग्रिड सब स्टेशन से हाथीभाटा तक डाली जाएगी। यह सिस्टम बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करेगा और संभावित फाल्ट की संख्या में कमी लाएगा।
नए कनेक्शन और बिजली आपूर्ति होगी सुचारू
GIS सब स्टेशन के निर्माण से बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार होगा। इससे बिजली लोड को सुचारू रूप से मैनेज किया जा सकेगा और नए कनेक्शन जारी करने में आसानी होगी। यह अत्याधुनिक प्रणाली फाल्ट की संभावना को कम करेगी, जिससे उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति मिल सकेगी।
GIS तकनीक: पूरी तरह मेंटेनेंस मुक्त
GIS तकनीक आधारित सब स्टेशन सल्फर हेक्साफ्लोराइड (SF6) गैस इंसुलेशन पर काम करता है।
इसमें पावर ट्रांसफॉर्मर आउटडोर होता है और बाकी सभी उपकरण इनडोर एक मेटल बॉक्स में बंद रहते हैं।
इसमें सर्किट ब्रेकर, बस बार, आइसोलेटर, वोल्टेज ट्रांसफॉर्मर, अर्थिंग स्विचेस आदि सभी SF6 गैस से इंसुलेट किए जाते हैं।
यह तकनीक पूरी तरह मेंटेनेंस फ्री होती है और इसकी ऑपरेशनल लाइफ भी अधिक होती है।