शोभना शर्मा । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीकानेर दौरे को लेकर पश्चिमी राजस्थान की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। इस अवसर पर बाड़मेर-जैसलमेर बालोतरा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने एक वीडियो संदेश जारी कर प्रधानमंत्री को पुराने वादों की याद दिलाई है। अपने संबोधन में उन्होंने थार मरुस्थल के विकास और सीमावर्ती जिलों की उपेक्षा के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया।
सांसद बेनीवाल ने वीडियो के माध्यम से कहा कि साल 2014 में जब नरेंद्र मोदी बालोतरा आए थे, तब उन्होंने वादा किया था कि नदियों को जोड़कर थार के रेगिस्तान को हराभरा बनाया जाएगा। उन्होंने कहा था कि यहां भी गुजरात के कच्छ की तरह आम और अंगूर उगेंगे, लेकिन इतने वर्षों के बाद भी यह वादा सिर्फ भाषणों तक ही सीमित रहा।
उम्मेदाराम बेनीवाल ने प्रधानमंत्री से अपील की कि जब आप बीकानेर के दौरे पर आए हैं, तो आप उस अधूरे वादे को जरूर याद करें और उसे पूरा करने की दिशा में ठोस कदम उठाएं।
सीमावर्ती जिलों की उपेक्षा पर सवाल
सांसद ने यह भी कहा कि बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर और श्रीगंगानगर जैसे सीमावर्ती जिले सिर्फ देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रहरी नहीं हैं, बल्कि ये क्षेत्र हमारी सांस्कृतिक विरासत के भी साक्षी हैं। बावजूद इसके, आज भी ये जिले बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए जो योजनाएं पहले चलाई जा रही थीं, उन्हें पुनः प्रारंभ किया जाए।
BADP और BRGF योजना फिर से शुरू करने की मांग
उम्मेदाराम बेनीवाल ने अपने बयान में खास तौर पर BADP (बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम) और BRGF (पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि) योजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं की शुरुआत क्रमशः 1986-87 में राजीव गांधी और 2006-07 में डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने की थी।
इन योजनाओं ने सीमावर्ती गांवों में सुरक्षा, आधारभूत संरचना और जीवन स्तर को सुधारने में अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन 2014 के बाद इन योजनाओं को बंद कर दिया गया, जिससे इन इलाकों की समस्याएं और अधिक बढ़ गईं।
सांसद ने प्रधानमंत्री से इन योजनाओं को फिर से शुरू करने की अपील की, ताकि सीमावर्ती क्षेत्र विकास की मुख्यधारा में शामिल हो सकें।
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रेल परियोजना और नहरों को जोड़ने की योजना
सांसद बेनीवाल ने प्रधानमंत्री से जैसलमेर-बाड़मेर-भाभर रेल परियोजना को शुरू करने की भी मांग की। यह परियोजना सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है और इसके शुरू होने से क्षेत्र की सुरक्षा और कनेक्टिविटी को बल मिलेगा।
साथ ही उन्होंने इंदिरा गांधी नहर और नर्मदा नहर को जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। उनका कहना है कि इससे थार क्षेत्र में जल संकट दूर हो सकता है और कृषि व सिंचाई को बढ़ावा मिलेगा।
बाड़मेर के बाखासर में सूखा बंदरगाह (Dry Port) विकसित करने की मांग
बाखासर, बाड़मेर में सूखा बंदरगाह (Dry Port) विकसित करने की योजना भी सांसद ने प्रधानमंत्री के समक्ष रखी। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में सूखा बंदरगाह विकसित करने से न केवल स्थानीय व्यापार और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे सीमावर्ती क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
उम्मीद की किरण बनने की अपील
अंत में उम्मेदाराम बेनीवाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थार क्षेत्र की पीड़ा को समझेंगे और यहां के निवासियों को नई उम्मीद की किरण प्रदान करेंगे। उन्होंने आग्रह किया कि 2014 में किए गए वादों को अब धरातल पर उतारने का समय आ गया है, जिससे राजस्थान का यह सीमांत इलाका भी देश के अन्य हिस्सों की तरह तरक्की कर सके।