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बाल सुरक्षा से जुड़ा सबसे बड़ा कानून – पॉक्सो अधिनीयम 2012

बाल सुरक्षा से जुड़ा सबसे बड़ा  कानून – पॉक्सो अधिनीयम 2012

शोभना शर्मा । भारत में यौन उत्पीड़न के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। हर उम्र की महिलायें यहाँ तक की छोटी बच्चियां तक यौन उत्पीड़न की शिकार हो जाती हैं। यौन उत्पीड़न न केवल पीड़ित के सामाजिक व्यक्तित्व पर प्रहार करती है बल्कि मानसिक आघात भी पहुंचाती है। ऐसी ही घटनाओं से नाबालिकों  को सुरक्षित रखने के लिए पोक्सो एक्ट (POCSO Act) लाया गया है।

पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) 
पॉक्सो एक्ट का पूरा नाम प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेन्स एक्ट 2012 जिसे हिन्दी में बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम, 2012 भी कहा जाता है। भारत में बच्चों के यौन शोषण और उत्पीड़न के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कानून है। इसका उद्देश्य नाबालिग बच्चियों को यौन उत्पीड़न के मामलों में संरक्षण देना है।

पॉक्सो एक्ट में मुख्य प्रावधान

यौन अपराधों की परिभाषा: इसमें penetration, यौन उत्पीड़न, अश्लीलता, पोर्नोग्राफी, बाल यौन तस्करी, और बच्चों को यौन गतिविधियों के लिए मजबूर करना शामिल है।

सजा: अपराध की गंभीरता के आधार पर, कैद, जुर्माना, या दोनों की सजा का प्रावधान है। गंभीर मामलों में, मृत्युदंड भी दिया जा सकता है।

जांच और मुकदमा: कानून त्वरित जांच और मुकदमा चलाने की प्रक्रिया सुनिश्चित करता है। बच्चों की पहचान और गोपनीयता की रक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।

पीड़ितों का समर्थन: कानून पीड़ितों को चिकित्सा सहायता, मनोवैज्ञानिक परामर्श, और कानूनी सहायता प्रदान करता है।

दोषी कौन होता है

पॉक्सो एक्ट के तहत केवल पुरुषों को ही सजा नहीं दी जाती बल्कि अगर किसी महिला द्वारा भी यौन अपराधों का कृत्य किया गया है तो दोषी पाए जाने पर महिला को भी उतनी ही सजा सुनाई जाती है, जितनी कि किसी पुरुष को। इसके अलावा पीड़ित भी सिर्फ कोई बच्ची नहीं बल्कि अगर कोई बच्चा भी हो सकता है। नाबालिग बच्चों के साथ भी यौन उत्पीड़न के कई मामले सामने आते रहते हैं। ऐसे में इस कानून के तहत सभी दोषियों के लिए समान सजा का प्रावधान है, जबकि पीड़ित होने पर भी बच्चा या बच्ची के लिए न्याय का एक ही प्रावधान किया गया है।

पॉक्सो एक्ट का महत्व:

यह बच्चों को यौन शोषण और उत्पीड़न से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

यह पीड़ितों को न्याय दिलाने और उन्हें ठीक होने में मदद करता है।

यह यौन अपराधियों को डराता है और उन्हें इस तरह के अपराध करने से रोकता है।

यह समाज में बाल यौन शोषण के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करता है।

पॉक्सो एक्ट से संबंधित आधिकारिक वेबसाईट 
https://ncpcr.gov.in/pocso-act

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