शोभना शर्मा। राजस्थान के नागौर जिले के श्री बालाजी थाना क्षेत्र के जोधियासी गांव में महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाए जाने को लेकर सोमवार देर रात गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई। बिना अनुमति रात 1 बजे चोरी-छिपे मूर्ति लगाने का प्रयास इतना बड़ा विवाद बन गया कि पूरे गांव में तनाव फैल गया और प्रशासन को भारी पुलिस बल के साथ RAC की तीन कंपनियाँ तैनात करनी पड़ीं। गांव में स्थिति अब भी संवेदनशील बनी हुई है।
रात 1 बजे चोरी-छिपे मूर्ति लगाने की कोशिश
घटना सोमवार देर रात करीब 1 बजे की है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कुछ लोगों ने बिना प्रशासनिक अनुमति और ग्राम पंचायत की सहमति के गांव के मुख्य चौराहे पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति स्थापित करने का प्रयास किया। ग्रामीणों को इस बात की जानकारी सुबह करीब 5 से 6 बजे लगी, जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग मौके पर इकट्ठा हो गए और मूर्ति लगाने का विरोध करना शुरू कर दिया।
ग्रामीणों का आरोप है कि यह कदम धार्मिक आस्था या श्रद्धा से नहीं, बल्कि राजनीतिक स्वार्थ और स्थानीय स्तर पर प्रभाव बढ़ाने की कोशिश के तहत उठाया गया। ग्रामीणों को यह भी आपत्ति है कि सार्वजनिक स्थान पर बिना अनुमति कोई स्थायी संरचना या मूर्ति नहीं लगाई जा सकती।
पहले भी हो चुका है इसी स्थान पर प्रयास
स्थानीय निवासियों ने बताया कि यह विवाद नया नहीं है। इससे पहले भी कुछ समूहों ने इसी स्थान पर मूर्ति स्थापित करने का प्रयास किया था, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते वह प्रयास रोक दिया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि सार्वजनिक संपत्ति पर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नियमों के अनुसार होना चाहिए और इस मामले में नियमों का पूरी तरह उल्लंघन किया गया है।
विवाद बढ़ते ही भारी पुलिस जाब्ता तैनात
जब ग्रामीणों की भीड़ बढ़ने लगी और दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हुई तो हालात तनावपूर्ण हो गए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नागौर जिला प्रशासन तुरंत हरकत में आया। जोधियासी गांव में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई।
इसके साथ ही तीन कंपनियां RAC की लगाई गईं, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को तुरंत रोका जा सके। जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस अधिकारी और स्थानीय प्रशासन की टीम लगातार मौके पर डटी हुई है। मूर्ति के पास ग्रामीणों का धरना जारी है और स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए पुलिस लगातार गश्त कर रही है।
प्रशासन दोनों पक्षों से संवाद में जुटा
तनाव बढ़ता देख प्रशासन ने दोनों पक्षों के साथ बातचीत शुरू कर दी है। अधिकारी यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर रात के अंधेरे में बिना अनुमति मूर्ति लगाने की कोशिश क्यों की गई और इसके पीछे कौन लोग शामिल थे।
मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों का कहना है कि स्थिति तनावपूर्ण जरूर है, लेकिन नियंत्रण में है। किसी प्रकार की हिंसा या गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी।
नागौर एसपी का बयान
नागौर एसपी मृदुल कच्छावा ने NDTV से बातचीत में बताया कि गांव में तीन मूर्तियों को लगाने का प्रपोजल जिला कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। इसके बावजूद एक पक्ष द्वारा रात में मूर्ति लगाई गई, जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारी पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है और प्रशासन हर गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखे हुए है। आगे की कार्रवाई जिला प्रशासन के निर्देशों के अनुसार की जाएगी।


