शोभना शर्मा। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के नापला में 25 सितंबर का दिन बेहद खास था। यहां PM मोदी विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करने पहुंचे थे। पूरा इलाका इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का गवाह बना। लेकिन इस दौरान कुछ ऐसी घटनाएं घटीं, जिनका सीधा असर प्रदेश की एक वरिष्ठ महिला आईएएस अधिकारी पर पड़ गया। कार्यक्रम के दौरान आई तकनीकी गड़बड़ी के चलते सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव और 2004 बैच की आईएएस अधिकारी अर्चना सिंह को APO (Awaiting Posting Order) कर दिया गया।
PM मोदी के कार्यक्रम में आई तकनीकी गड़बड़ी
PM मोदी जैसे ही सभा स्थल के मंच पर पहुंचे और उनका संबोधन शुरू हुआ, तभी अचानक तकनीकी समस्या आ गई। वीडियो सिस्टम फेल हो गया और लगभग 10 मिनट तक लाइव फीड बाधित रही। यही नहीं, जब प्रधानमंत्री किसानों से संवाद कर रहे थे, उस वक्त ऑडियो सिस्टम ने भी काम करना बंद कर दिया। इस बड़े कार्यक्रम में आई तकनीकी खराबी ने न केवल प्रशासनिक तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए, बल्कि सरकार की नाराजगी का कारण भी बनी। सूत्रों के अनुसार, इन चूकों को प्रशासनिक लापरवाही माना गया और इसके चलते आईएएस अर्चना सिंह पर सीधा एक्शन लिया गया।
आईएएस अर्चना सिंह को APO किया गया
राजस्थान सरकार ने अर्चना सिंह को APO (Awaiting Posting Order) कर दिया है। कार्मिक विभाग की ओर से जारी आदेश में भले ही “प्रशासनिक कारणों” का हवाला दिया गया है, लेकिन प्रशासनिक हलकों में चर्चा यही है कि पीएम मोदी के दौरे में तकनीकी गड़बड़ी ने उनकी कुर्सी पर असर डाला। सूत्रों का कहना है कि इतनी महत्वपूर्ण सभा में ऑडियो-वीडियो की व्यवस्था चाक-चौबंद होनी चाहिए थी। लेकिन जब यह व्यवस्था असफल रही, तो सरकार ने इसे गंभीर चूक माना और सीधे अर्चना सिंह को उनके पद से हटा दिया।
ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप
अर्चना सिंह को APO किए जाने की खबर से प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मच गया है। आईएएस अधिकारियों के बीच चर्चा का विषय यह है कि अगर तकनीकी कारणों को लेकर इतने सख्त कदम उठाए जा सकते हैं, तो आने वाले समय में किसी भी गलती की कीमत अफसरों को भारी पड़ सकती है। यह पहली बार नहीं है कि किसी बड़े कार्यक्रम में चूक पर अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया हो, लेकिन जिस तरह सीधे आईएएस अधिकारी को APO कर दिया गया, उसने प्रशासनिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है।
कौन हैं अर्चना सिंह?
आईएएस अर्चना सिंह 2004 बैच की वरिष्ठ अधिकारी हैं। अब तक वे राजस्थान सरकार में कई अहम विभागों में सेवाएं दे चुकी हैं। हाल ही में वे सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (DOIT) की सचिव थीं और राज्य की डिजिटल और तकनीकी योजनाओं को संभाल रही थीं। इससे पहले भी उन्होंने विभिन्न विभागों में जिम्मेदारी निभाई है और कई अहम पदों पर रह चुकी हैं। अपनी ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ छवि के कारण उन्हें एक सख्त और सक्षम अधिकारी माना जाता है। लेकिन बांसवाड़ा के इस आयोजन की गड़बड़ी के चलते उन्हें फिलहाल APO कर दिया गया है। अब वे नई पोस्टिंग का इंतजार कर रही हैं।
राजनीतिक और प्रशासनिक संकेत
राजस्थान की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में इस घटना को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। एक धड़ा मानता है कि इतने बड़े स्तर के कार्यक्रम में तकनीकी चूक किसी भी अधिकारी के लिए जोखिम भरी साबित हो सकती है, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी जिम्मेदारी केवल एक अधिकारी पर नहीं डाली जा सकती। हालांकि सरकार का रुख साफ है कि इस तरह की गलतियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी, खासकर तब जब मामला प्रधानमंत्री के कार्यक्रम जैसा संवेदनशील हो।


