मनीषा शर्मा। राइजिंग राजस्थान वैश्विक निवेश समिट में टाटा पावर ने एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए ₹1.2 लाख करोड़ रुपए के निवेश की योजना प्रस्तुत की। कंपनी के सीईओ और एमडी डॉ. प्रवीर सिन्हा ने इस योजना के माध्यम से राजस्थान को भारत के स्वच्छ ऊर्जा केंद्र के रूप में स्थापित करने के अपने दृष्टिकोण को साझा किया। यह निवेश सौर, पवन और हाइब्रिड ऊर्जा परियोजनाओं, ट्रांसमिशन और वितरण प्रणाली के साथ-साथ ईवी चार्जिंग अवसंरचना के विकास पर केंद्रित है।
राजस्थान को स्वच्छ ऊर्जा का प्रमुख केंद्र बनाने की पहल:
टाटा पावर का यह विशाल निवेश राजस्थान को पावर सरप्लस राज्य बनाने और देश में स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी स्थान दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। कंपनी ने राज्य में 1 लाख ईवी चार्जिंग पॉइंट्स स्थापित करने और “घर-घर सौर पहल” के तहत 10 लाख रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन का लक्ष्य रखा है।
डॉ. प्रवीर सिन्हा ने बताया कि यह पहल राजस्थान के सतत विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। कंपनी का उद्देश्य राजस्थान के लोगों को 24/7 सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराना है। उन्होंने यह भी कहा कि यह निवेश न केवल राज्य के लिए बल्कि भारत के 2070 तक नेट-जीरो कार्बन बनने के लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
28,000 नौकरियों का सृजन:
टाटा पावर की यह निवेश योजना राज्य में रोजगार सृजन को भी बढ़ावा देगी। कंपनी के मुताबिक, इस परियोजना से 28,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
सौर और पवन ऊर्जा में बढ़त:
राजस्थान पहले से ही सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है। राज्य में सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता 18 गीगावॉट से अधिक है, जिससे यह भारत में सबसे बड़े सौर ऊर्जा उत्पादकों में से एक है। टाटा पावर ने राज्य में पहले से ही 1000 मेगावाट सौर और 185 मेगावाट पवन ऊर्जा की स्थापना की है। यह नई योजना राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को और बढ़ावा देगी।
घर-घर सौर पहल:
टाटा पावर की “घर-घर सौर पहल” के तहत, कंपनी प्रति माह लगभग 50,000 रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन का लक्ष्य रखती है। इस योजना के माध्यम से 10 लाख घरों तक सौर ऊर्जा पहुंचाई जाएगी, जिससे न केवल ऊर्जा की बचत होगी बल्कि कार्बन उत्सर्जन में भी भारी कमी आएगी।
राजस्थान के लिए नई संभावनाएं:
राजस्थान की गिनती देश के सबसे बड़े सौर ऊर्जा उत्पादक राज्यों में होती है। इस निवेश से राज्य को अपने ऊर्जा संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग करने और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनने का अवसर मिलेगा।
स्वच्छ ऊर्जा के लिए भारत की प्रतिबद्धता:
भारत ने 2047 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है। टाटा पावर की यह योजना राजस्थान को इस लक्ष्य में प्रमुख भूमिका निभाने में सक्षम बनाएगी।
डॉ. प्रवीर सिन्हा का संदेश:
डॉ. सिन्हा ने कहा, “राइजिंग राजस्थान समिट राज्य के सतत विकास के लिए साहसी दृष्टि का प्रतीक है। टाटा पावर राजस्थान के इस सफर में भागीदार बनकर गर्व महसूस करता है।” उन्होंने इस परियोजना को नवाचार और स्थायित्व का प्रतीक बताते हुए राज्य के लिए दीर्घकालिक मूल्य सृजन की प्रतिबद्धता जताई।