मनीषा शर्मा। जयपुर के मानसरोवर इलाके में शुक्रवार को उस समय तनाव की स्थिति बन गई जब HCG अस्पताल में उपचार के दौरान एक मरीज की मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आक्रोशित परिजनों को समझाइश देकर स्थिति को नियंत्रित किया। बाद में शव को पोस्टमार्टम के लिए जयपुरिया अस्पताल भेजा गया।
इलाज के दौरान मरीज की मौत, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान टोंक जिले के मालपुरा निवासी खेमराज चौधरी के रूप में हुई है। परिजनों ने बताया कि खेमराज को दो महीने पहले थायराइड कैंसर का ऑपरेशन हुआ था और शुक्रवार को उनके गले में ट्यूब डालने की प्रक्रिया होनी थी। इसी दौरान डॉक्टरों की कथित लापरवाही से उनकी गले की नस कट गई, जिससे उनकी मौत हो गई।
परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों ने समय रहते उचित उपचार नहीं किया और पूरे घटनाक्रम के दौरान उन्हें गुमराह किया गया। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ परिजनों ने मानसरोवर थाने में शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिस ने दिया निष्पक्ष जांच का भरोसा
मानसरोवर थानाधिकारी लखन खटाना ने बताया कि मृतक के परिजनों की शिकायत दर्ज कर ली गई है और मामले की पूरी जांच की जा रही है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जयपुरिया अस्पताल भिजवाया है। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सांसद हनुमान बेनीवाल ने उठाए सवाल
राजस्थान के नागौर सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने इस घटना पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक ट्वीट जारी करते हुए अस्पताल प्रबंधन और सरकार दोनों पर सवाल उठाए। बेनीवाल ने ट्वीट में लिखा, “जयपुर स्थित HCG अस्पताल में मालपुरा (टोंक) क्षेत्र के निवासी श्री खेमराज चौधरी की चिकित्सकों की लापरवाही के कारण हुई दर्दनाक मृत्यु अत्यंत दुःखद है। मृतक के परिजनों के अनुसार डॉक्टर की लापरवाही से खेमराज के गले की नस कट गई, बावजूद इसके अस्पताल प्रशासन ने परिजनों को गुमराह करके रखा और अस्पताल की लापरवाही ने एक व्यक्ति की जिंदगी खत्म कर दी। दिवंगत के परिजन और ग्रामीण न्याय की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। मेरी प्रदेश सरकार से मांग है कि तत्काल उच्च अधिकारियों को भेजकर आंदोलित परिजनों से वार्ता करवाएं और न्यायोचित कार्यवाही करवाएं।”
उन्होंने आगे कहा कि यह घटना न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी है, बल्कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर भी गहरी चिंता उत्पन्न करती है।
ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, न्याय की मांग
खेमराज चौधरी के गांव मालपुरा और आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में लोग जयपुर पहुंचे और अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने न केवल लापरवाही की, बल्कि मौत के बाद भी सही जानकारी छिपाने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक अस्पताल प्रबंधन और जिम्मेदार डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती, वे न्याय की लड़ाई जारी रखेंगे।
स्वास्थ्य सेवाओं पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर निजी अस्पतालों में इलाज के दौरान होने वाली लापरवाहियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि जब बड़े शहरों के नामी अस्पतालों में इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं, तो आम जनता का भरोसा चिकित्सा प्रणाली से उठने लगता है। राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्यवाही तय की जाएगी। वहीं, अस्पताल प्रशासन की ओर से अभी तक इस घटना पर कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है।