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सुरेश धाकड़ ने प्रशासन को दी चेतावनी, कहा “कान खोलकर सुन लो”

सुरेश धाकड़ ने प्रशासन को दी चेतावनी, कहा “कान खोलकर सुन लो”

भाजपा विधायक सुरेश धाकड़ ने बेगूं क्षेत्र में पुलिस और प्रशासन को सख्त लहजे में धमकी दी है। उन्होंने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने अन्याय किया, तो वह कानून हाथ में लेने से भी पीछे नहीं हटेंगे। यह धमकी उन्होंने शनिवार को भील समाज द्वारा जावदा निमड़ी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दी, जिसका वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर सामने आया।

विधायक धाकड़ ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह जनता के साथ हो रहे अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेंगे, भले ही वह सरकार में हों। उन्होंने अधिकारियों को सीधे तौर पर चेतावनी देते हुए कहा, “कान खोलकर सुन लो, अगर मामला दर्ज करना है, तो तैयार रहना, थानेदार जी। यह पहले वाला सुरेश धाकड़ नहीं है। हम मौके पर आकर तुम्हारा इलाज भी कर देंगे।”

विधायक का गुस्सा: जनता के अधिकारों की सुरक्षा

विधायक धाकड़ ने कार्यक्रम में कहा कि सरकार में होने के बावजूद, अगर लोगों के साथ अन्याय होगा, तो वह हमेशा जनता के साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा, “यह जंगल हम सबका है, हमारे पूर्वजों ने इस पर मेहनत की है। आप नए कानून बताकर हमें डराने की कोशिश मत करो।” उनके इस बयान से साफ झलकता है कि वह वन विभाग के अधिकारियों से बेहद नाराज हैं, जो अतिक्रमण हटाने के लिए सख्त कदम उठा रहे थे।

धाकड़ ने चेतावनी देते हुए कहा कि अधिकारी या तो अपनी हरकतें सुधार लें या फिर अपने ट्रांसफर के लिए आवेदन कर दें। अन्यथा उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।

विकास कार्यों में वन विभाग की अड़चने

विधायक धाकड़ ने आरोप लगाया कि वन विभाग विकास कार्यों में अवरोध पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में हैंडपंप, बोरवेल, मकान और सड़क बनाने में वन विभाग बाधाएं खड़ी कर रहा है। “हमारे क्षेत्र में बिजली की सुविधा तक नहीं है, और जब हम इन समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश करते हैं, तो कुछ कर्मचारी इसमें गड़बड़ी करने की कोशिश करते हैं,” धाकड़ ने कहा। उन्होंने आगे कहा कि अगर अधिकारी नहीं सुधरेंगे, तो उन्हें कानून अपने हाथ में लेना पड़ेगा।

वन अधिकारी पर शराब पीने का आरोप

विधायक धाकड़ ने क्षेत्रीय वन अधिकारी नारायण सिंह कछावा पर शराब के नशे में होने का आरोप लगाया। मौके पर ही डॉक्टर की एक टीम बुलाकर अधिकारी का सैंपल लिया गया। हालांकि, कछावा ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि वह सरकार के आदेशों के तहत अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रहे थे।

कछावा ने कहा कि उन्होंने कानून के तहत अतिक्रमण हटाया था और विधायक ने उन पर शराब पीने का झूठा आरोप लगाया है। विधायक की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि जिन ग्रामीणों की दीवारें तोड़ी गईं, उनका मुआवजा या फिर से निर्माण नहीं किया गया।

अतिक्रमण हटाने पर नाराजगी

18 अक्टूबर को वन विभाग ने गांव भांडाकुड़ी और बस्सी रेंज के परलई क्षेत्र में एक बड़ी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई के तहत कई वर्षों से चल रहे अतिक्रमण को हटाया गया था। यह कार्रवाई राजस्व और वन विभाग के संयुक्त सर्वेक्षण के बाद की गई थी, जिसके बाद पत्थरों की दीवारें तोड़ी गई थीं। इस कार्रवाई के बाद ग्रामीणों ने शिकायत की थी, जिससे विधायक धाकड़ नाराज हो गए थे।

नाका प्रभारी जयप्रकाश सिंह ने बताया कि अतिक्रमण हटाने की इस बड़ी कार्रवाई से विधायक की नाराजगी बढ़ गई थी और उसी के परिणामस्वरूप उन्होंने प्रशासन को धमकी दी।

अधिकारियों को सुधारने की चेतावनी

विधायक सुरेश धाकड़ ने अपने बयान में कहा कि वह अन्याय सहन नहीं करेंगे और अगर आवश्यक हुआ तो वह कानून अपने हाथ में लेने से भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जो अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन ठीक से नहीं करेंगे, उन्हें सुधारने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकते हैं। “अगर मैंने कानून हाथ में लिया, तो पीछे नहीं हटूंगा,” उन्होंने चेतावनी दी।

क्षेत्रीय विकास की समस्याएं

विधायक धाकड़ ने अपने भाषण में यह भी कहा कि वन विभाग की कार्रवाई क्षेत्र के विकास में रुकावट पैदा कर रही है। “हम हैंडपंप नहीं लगवा सकते, बोरवेल नहीं खुदवा सकते, मकान नहीं बनवा सकते, सड़क नहीं बनवा सकते, यहां तक कि बिजली भी नहीं आ सकती। हम पहले से ही परेशान हैं, लेकिन अधिकारी इसमें और बाधाएं डाल रहे हैं।”

विधायक ने कहा कि वह इस परेशानी से बाहर निकलने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कुछ कर्मचारी जानबूझकर गड़बड़ी करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “ऐसे अधिकारियों को मैं चेतावनी देता हूं कि अगर वे नहीं सुधरे, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।”

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