शोभना शर्मा । सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार, 23 जुलाई को पांचवीं सुनवाई के बाद यह आदेश दिया कि NEET परीक्षा दोबारा नहीं होगी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) ने कहा कि पूरी परीक्षा में गड़बड़ी होने के पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने स्पष्ट किया कि अगर जांच के दौरान कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और ऐसी स्थिति में उसे एडमिशन नहीं मिलेगा। अदालत ने NEET से जुड़ी 40 याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली है और अंतिम फैसला सुरक्षित रख लिया है। हालांकि, फैसले की तारीख का खुलासा नहीं किया गया है।
NEET की काउंसलिंग 24 जुलाई से शुरू होने जा रही है। CJI ने कहा, “हम पेपर लीक के ठोस सबूत के बिना रीएग्जाम का फैसला नहीं दे सकते हैं। हो सकता है कि CBI जांच के बाद पूरी तस्वीर ही बदल जाए, लेकिन आज हम किसी हालत में यह नहीं कह सकते कि पेपर लीक पटना और हजारीबाग तक सीमित नहीं है।”
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद NEET परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के लिए अब काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी, जिससे वे अपनी मेडिकल शिक्षा की राह को आगे बढ़ा सकेंगे। कोर्ट के इस फैसले से परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर भी जोर दिया गया है, जिससे भविष्य में ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए सख्त कदम उठाए जा सकें।