शोभना शर्मा। सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा 2021 को लेकर राजस्थान में बवाल बढ़ता जा रहा है। एक तरफ कई बेरोजगार इस भर्ती को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ट्रेनी सब इंस्पेक्टर के परिजन अब सड़कों पर उतर आए हैं। परिजनों का कहना है कि कुछ उम्मीदवारों की गलतियों की सजा उन लोगों को क्यों दी जाए जिन्होंने मेहनत और ईमानदारी से परीक्षा पास की है।
बेरोजगारों की मांग: भर्ती रद्द की जाए
SI भर्ती 2021 के पेपर लीक होने के बाद से राज्य में हंगामा मचा हुआ है। बेरोजगार युवाओं का एक बड़ा समूह इस भर्ती को रद्द करने की मांग कर रहा है। उनका कहना है कि पेपर लीक और फर्जीवाड़े के कारण परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते हैं। कई छात्र संगठनों ने इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया है और कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा भी इस भर्ती को रद्द कराने पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े से चयनित उम्मीदवारों को हटाया नहीं जाता, तब तक भर्ती प्रक्रिया पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
परिजनों की आवाज: बेकसूरों को सजा क्यों?
दूसरी ओर, जिन उम्मीदवारों ने इस भर्ती में चयनित होकर ट्रेनिंग शुरू की है, उनके परिजन अब विरोध करने लगे हैं। 13 अक्टूबर को जयपुर के शहीद स्मारक पर सैकड़ों की संख्या में चयनित एसआई के परिजनों ने धरना दिया। उनका कहना है कि केवल कुछ अभ्यर्थियों ने गलत तरीके अपनाए हैं, लेकिन बाकी 809 ट्रेनी एसआई को क्यों सजा दी जा रही है? परिजनों का तर्क है कि अगर भर्ती परीक्षा रद्द की जाती है, तो उन सैकड़ों उम्मीदवारों के भविष्य के साथ अन्याय होगा जिन्होंने पूरी ईमानदारी से परीक्षा पास की थी।
50 फर्जी अभ्यर्थी, बाकी 809 को क्यों सजा?
SI भर्ती 2021 में कुल 859 पदों पर नियुक्ति हुई थी, जिसमें से 50 ट्रेनी एसआई को फर्जीवाड़े और नकल के आरोपों में गिरफ्तार किया जा चुका है। परिजनों का कहना है कि अगर 50 लोगों ने गलत किया है, तो बाकी 809 ट्रेनी एसआई को क्यों सजा दी जा रही है? ये सभी लोग करीब एक साल से राजस्थान पुलिस अकादमी (RPA) में ट्रेनिंग कर रहे हैं और इस समय पर पूरी भर्ती को रद्द करना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा।
“गलत करने वालों को सजा मिलनी चाहिए, ईमानदारों को नहीं”
ट्रेनी एसआई के परिजनों का कहना है कि सरकार और एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने भी पहले यह आश्वासन दिया था कि जिन लोगों ने गलती नहीं की है, उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। सरकार ने अब तक यह कहा था कि ईमानदार और मेहनती उम्मीदवारों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। पर अब सरकार खुद इस परीक्षा को रद्द करने पर विचार कर रही है। परिजनों का कहना है कि गलत करने वालों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए, लेकिन बाकी 809 ईमानदार उम्मीदवारों को उनके अधिकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
सरकार के सामने कड़ा फैसला
राज्य सरकार ने SI भर्ती 2021 के पेपर लीक मामले की जांच के लिए छह मंत्रियों की एक सब-कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने हाल ही में एक बैठक की, जिसमें एसओजी के एडीजी वीके सिंह, होम सेक्रेटरी आनंद कुमार समेत कई बड़े अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में पेपर लीक से संबंधित सभी सबूतों की समीक्षा की गई और कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को भेज दी है। अब इस मामले में अंतिम फैसला मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लेना है।
किरोड़ी लाल मीणा की रद्द करने की मांग
राज्य के कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा इस भर्ती को रद्द करने पर जोर दे रहे हैं। उनका दावा है कि इस भर्ती में करीब 400 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने अनुचित साधनों का उपयोग करके चयन पाया है। उन्होंने कहा कि इस भर्ती में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हैं, और इसे निष्पक्ष बनाने के लिए इसे रद्द किया जाना चाहिए। अब सरकार को तय करना है कि वह इस भर्ती को रद्द करेगी या नहीं।
परिजनों का विरोध और मांग
धरने पर बैठे ट्रेनी एसआई के परिजनों ने सरकार से अपील की है कि वह भर्ती परीक्षा को रद्द न करे। परिजनों का कहना है कि करीब एक साल से ट्रेनिंग कर रहे इन युवाओं का भविष्य दांव पर लग गया है। उन्होंने मांग की है कि जिन लोगों ने पेपर लीक और नकल का सहारा लिया है, उन्हें सजा मिले, लेकिन बाकी उम्मीदवारों के साथ न्याय किया जाए।


