शोभना शर्मा। राजस्थान के प्रतिष्ठित रणथंभौर टाइगर रिजर्व में अब वन्यजीव पर्यटन को लेकर नियमों की अनदेखी करने वालों पर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। वन विभाग ने वाइल्डलाइफ नियमों का उल्लंघन करने वाले 11 वाहन चालकों और 8 गाइडों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें आगामी 7 दिनों के लिए पार्क में प्रवेश से प्रतिबंधित कर दिया है। यह निर्णय हाल ही में हुए आकस्मिक निरीक्षणों के आधार पर लिया गया है, जिसमें कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं।
वन विभाग ने दिखाई सख्ती, कार्रवाई का आदेश जारी
रणथंभौर टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के लिए सफारी की व्यवस्था जिप्सी वाहनों और अनुभवी गाइडों के माध्यम से की जाती है, लेकिन कुछ चालक और गाइड वाइल्डलाइफ नियमों की अनदेखी कर रहे थे। पर्यटन डीएफओ प्रमोद धाकड़ ने इस संबंध में सख्त आदेश जारी किए हैं और स्पष्ट किया कि जो भी चालक या गाइड पर्यटन नियमों का उल्लंघन करेगा, उस पर सीधी कार्रवाई की जाएगी।
यह आदेश न केवल चेतावनी स्वरूप है, बल्कि पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण को गंभीरता से लेने का एक ठोस प्रयास भी है। वन विभाग का मानना है कि यदि नियमों का पालन नहीं किया गया तो इससे न केवल जानवरों की सुरक्षा प्रभावित होती है, बल्कि पूरे रिजर्व की पर्यावरणीय संतुलन पर भी खतरा मंडराता है।
3 अप्रैल को निरीक्षण में सामने आई गड़बड़ियां
वन विभाग के सहायक वन संरक्षक रबनीश कुमार ने 3 अप्रैल को रणथंभौर के जोन 2, 3 और 4 में शाम की पारी में अचानक निरीक्षण किया था। इस दौरान पाया गया कि कई वाहन निर्धारित रूट से भटककर दूसरे मार्गों पर जा रहे थे। कुछ वाहनों में पर्यटक तेज आवाज में बातें कर रहे थे और कुछ स्थानों पर शोरगुल कर रहे थे, जिससे वन्यजीवों को खतरा महसूस हो सकता है।
इसके अलावा, पर्यटक वाहन चालकों द्वारा जंगल में तेज गति से वाहन चलाने की भी पुष्टि हुई। यह न केवल नियमों के खिलाफ है, बल्कि पार्क में मौजूद जानवरों, विशेष रूप से बाघों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करता है।
टाइगर से नजदीक जाने और रास्ता रोकने के आरोप
इसी तरह, ACF निखिल शर्मा द्वारा 3 अप्रैल की सुबह जोन 1 से 6 तक निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण में यह बात सामने आई कि कुछ चालक बाघ से अनुचित दूरी पर वाहन खड़ा कर रहे थे और कई बार टाइगर के रास्ते को रोककर उसके मूवमेंट में बाधा उत्पन्न कर रहे थे। यह व्यवहार न केवल खतरनाक है, बल्कि बाघों के व्यवहार को भी प्रभावित कर सकता है।
टाइगर जैसे संवेदनशील प्राणी के लिए यह स्थिति तनावपूर्ण हो सकती है, और कई बार इसके परिणामस्वरूप वह आक्रामक भी हो सकता है। ऐसे में पर्यटक भी खतरे में पड़ सकते हैं।
पार्क के नियमों की अनदेखी पर स्पष्ट चेतावनी
वन विभाग ने साफ कहा है कि यदि कोई भी चालक या गाइड भविष्य में नियमों की अनदेखी करता है, तो उसके खिलाफ लंबे समय तक प्रतिबंध या लाइसेंस निरस्त करने जैसे कड़े कदम उठाए जाएंगे। यह कार्रवाई केवल वर्तमान 7 दिनों के प्रतिबंध तक सीमित नहीं है, बल्कि एक दीर्घकालिक अनुशासनात्मक प्रक्रिया की शुरुआत भी है।
इस कदम से यह भी उम्मीद की जा रही है कि रणथंभौर टाइगर रिजर्व में सफारी कराने वाले सभी लोग अब ज्यादा जिम्मेदारी से काम करेंगे और पर्यावरण की रक्षा में सहयोग देंगे।
वन्यजीव संरक्षण के लिए जरूरी है नियमों का पालन
रणथंभौर टाइगर रिजर्व भारत के सबसे लोकप्रिय टाइगर रिजर्व्स में से एक है। यहां हर साल देश-विदेश से हजारों पर्यटक आते हैं। लेकिन वन्यजीव पर्यटन का उद्देश्य केवल रोमांच नहीं, बल्कि संरक्षण भी है। यदि नियमों का पालन नहीं किया जाएगा तो यह समूचे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।