शोभना शर्मा। भारत के प्रमुख शेयर बाजारों में उत्साह लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। विदेशी निवेशकों की लिवाली और दिग्गज कंपनियों जैसे एलएंडटी, एचडीएफसी बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज में भारी खरीददारी से स्थानीय शेयर बाजार बुधवार (19 मार्च) को मजबूती के साथ बंद हुए। हालाँकि, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों के शेयरों में बिकवाली का प्रभाव भी देखने को मिला।
सेंसेक्स और निफ्टी का हाल
बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स 147.79 अंक यानी 0.20 प्रतिशत चढ़कर 75,449.05 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह एक समय में 267.12 अंक बढ़कर 75,568.38 अंक के स्तर पर पहुंच गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का मानक सूचकांक निफ्टी भी 73.30 अंक यानी 0.32 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,907.60 अंक पर बंद हुआ। मंगलवार को सेंसेक्स 1,131.31 अंक बढ़कर 75,301.26 अंक और निफ्टी 325.55 अंक बढ़कर 22,834.30 अंक पर रहा था।
किन कंपनियों के शेयर रहे लाभ में?
सेंसेक्स की कई प्रमुख कंपनियों के शेयरों में तेजी दर्ज की गई। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- टाटा स्टील
- जोमैटो
- पावर ग्रिड
- अल्ट्राटेक सीमेंट
- इंडसइंड बैंक
- लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी)
- अदाणी पोर्ट्स
- एनटीपीसी
- भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई)
- रिलायंस इंडस्ट्रीज
ये कंपनियां लाभ में रहीं और इनके शेयरों में अच्छी खरीददारी देखने को मिली।
किन कंपनियों के शेयरों में रही गिरावट?
जहां एक ओर कई कंपनियों के शेयरों में उछाल दर्ज किया गया, वहीं कुछ प्रमुख कंपनियों के शेयरों में गिरावट भी देखी गई। इनमें शामिल हैं:
- टेक महिंद्रा
- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS)
- आईटीसी
- इन्फोसिस
- सन फार्मा
- मारुति सुजुकी
- एचसीएल टेक
- नेस्ले
आईटी सेक्टर की कंपनियों में खासतौर पर बिकवाली का दबाव देखा गया।
विशेषज्ञों का क्या कहना है?
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर का मानना है कि घरेलू बाजार में सकारात्मकता का दौर जारी है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में देखी जा रही बढ़त को टिके रहने के लिए बुनियादी पहलुओं में सुधार की आवश्यकता होगी। उन्होंने यह भी कहा, “व्यापार में अनिश्चितता और वृद्धि से संबंधित चिंताओं के बीच अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति और उसकी टिप्पणी पर निवेशकों की गहरी नजर बनी रहेगी।”
अंतरराष्ट्रीय बाजारों की स्थिति
भारतीय शेयर बाजार की तरह ही अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी मिलाजुला रुख देखा गया। एशियाई बाजारों में:
- दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त में रहे।
- जापान का निक्की और चीन का शंघाई कम्पोजिट नुकसान के साथ बंद हुए।
यूरोपीय बाजारों में दोपहर के सत्र में भी मिलाजुला रुख देखने को मिला, जबकि अमेरिकी बाजार मंगलवार को नुकसान के साथ बंद हुए थे।
आगे की स्थिति क्या होगी?
विशेषज्ञों का मानना है कि शेयर बाजार में तेजी का यह दौर कुछ समय और जारी रह सकता है। हालांकि, यह पूरी तरह से विदेशी निवेशकों की गतिविधियों और अमेरिकी केंद्रीय बैंक के निर्णय पर निर्भर करेगा।
अगर फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति सकारात्मक होती है और विदेशी निवेशकों की खरीदारी जारी रहती है, तो भारतीय शेयर बाजार में और भी तेजी देखी जा सकती है।