मनीषा शर्मा। राजस्थान की राजनीति में इन दिनों एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आज का दिल्ली दौरा (Bhajanlal Sharma Delhi Visit) जहां आधिकारिक रूप से विकास परियोजनाओं की समीक्षा और केंद्र सरकार के मंत्रियों से मुलाकात के लिए तय बताया जा रहा है, वहीं राजनीतिक गलियारों में इस दौरे के सियासी मायनों को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि यह दौरा न केवल प्रशासनिक स्तर पर बल्कि संगठनात्मक स्तर पर भी कई बड़े फैसलों की दिशा तय कर सकता है।
विकास एजेंडे पर केंद्रित आधिकारिक कार्यक्रम
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार, दिल्ली यात्रा का उद्देश्य राज्य के विकास कार्यों की गति को और तेज करना है। दोपहर 12 बजे उनकी मुलाकात केंद्रीय ऊर्जा मंत्री एवं आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर से तय है। इस बैठक में राज्य की मेट्रो परियोजनाओं का विस्तार, शहरी विकास योजनाओं की प्रगति, और ऊर्जा क्षेत्र में नई परियोजनाओं की फंडिंग पर चर्चा होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री का फोकस राजस्थान के बड़े शहरों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की गति बढ़ाने और बिजली आपूर्ति को सुदृढ़ करने पर रहेगा। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री केंद्र की योजनाओं के तहत लंबित प्रस्तावों को मंजूरी दिलाने की दिशा में प्रयास करेंगे ताकि राज्य में निवेश और विकास की गति को नई दिशा दी जा सके।
सी.आर. पाटिल से मुलाकात: जल संकट पर अहम चर्चा
खट्टर से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री की बैठक केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल से निर्धारित है। राजस्थान के कई जिलों में लंबे समय से जल संकट गहराया हुआ है। इस बैठक में पेयजल और सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा और केंद्र से वित्तीय सहायता के प्रस्तावों पर गहन चर्चा होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री प्रदेश में चल रही ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स की स्थिति और केंद्र के सहयोग को लेकर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
मुख्यमंत्री का जयपुर लौटने का कार्यक्रम शाम 5 बजे तक का तय किया गया है, लेकिन इससे पहले उनकी एक या दो अनौपचारिक मुलाकातें भी तय हो सकती हैं, जिन पर राजनीतिक नजरें टिकी हुई हैं।
राजनीतिक हलकों में बढ़ी अटकलें: क्या होगा मंत्रिमंडल विस्तार?
भले ही दिल्ली यात्रा को विकास बैठक के रूप में दिखाया जा रहा है, परंतु राजनीतिक हलकों में इस दौरे को लेकर गहरी अटकलें हैं। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर राज्य में लंबित मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा कर सकते हैं। वर्तमान में मंत्रिमंडल में 6 पद खाली हैं और दिसंबर में सरकार के दो साल पूरे होने से पहले मुख्यमंत्री नई टीम के साथ जनता के बीच उतरना चाहते हैं।
जानकारों का मानना है कि यदि मुख्यमंत्री की मुलाकात भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से होती है, तो मंत्रिमंडल विस्तार के नामों और समय पर अंतिम मुहर लग सकती है। इसके साथ ही, राज्य के मुख्य सचिव सुधांशु पंत के तबादले के बाद नए प्रशासनिक मुखिया (Chief Secretary) की नियुक्ति पर भी चर्चा संभव है। मुख्यमंत्री ऐसे वरिष्ठ IAS अधिकारी की तलाश में हैं, जो केंद्र और राज्य के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर सके।
संगठन और राजनीतिक नियुक्तियों पर भी नजर
राज्य में हाल ही में हुए अंता उपचुनाव के नतीजों ने भाजपा संगठन को कई संकेत दिए हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री पार्टी नेतृत्व को इस फीडबैक से अवगत करा सकते हैं। साथ ही, प्रदेश संगठन की नई कार्यकारिणी, बोर्ड, आयोग और निगमों में राजनीतिक नियुक्तियां जैसे मुद्दों पर भी दिल्ली से हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी देने की मांग लंबे समय से लंबित है, जिसे अब मंजूरी मिलने की संभावना जताई जा रही है।
क्यों अहम है यह दिल्ली दौरा?
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का यह दिल्ली दौरा सिर्फ विकास योजनाओं की समीक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके राजनीतिक निहितार्थ कहीं गहरे हैं। भाजपा नेतृत्व राज्य में अगले साल होने वाले पंचायत और निकाय चुनावों से पहले संगठन को नई ऊर्जा देना चाहता है। मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो राज्य की राजनीतिक तस्वीर में नए समीकरण तय कर सकता है।


