शोभना शर्मा। राजस्थान में बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन और बस मालिक संघ ने आज प्रदेशव्यापी हड़ताल की है, जिससे करीब 30,000 बसों का संचालन प्रभावित हुआ है। कोटा सहित पूरे प्रदेश में 750 से अधिक निजी बसें बंद में शामिल हैं। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण साहू ने बताया कि परिवहन विभाग को कई बार समस्याओं से अवगत कराया गया, लेकिन समाधान न मिलने के कारण चक्का जाम हड़ताल का निर्णय लेना पड़ा।
बस ऑपरेटरों ने सरकार को 24 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है, जिसमें प्रमुख मांगें हैं कि राजस्थान में अन्य राज्यों की तरह प्रति यात्री प्रति किलोमीटर किराया 1.40 रुपए किया जाए और बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में दो महीने का टैक्स माफ किया जाए। इसके अलावा, चुनावों में निजी बसों का किराया 2250 रुपए से बढ़ाकर 4500 रुपए किया जाए और डीजल की प्रतिदिन की कीमत में वृद्धि की जाए।
एसोसिएशन का कहना है कि रोडवेज के पास 2600 बसें हैं, लेकिन 8000 परमिट लिए हुए हैं, जिससे कई राष्ट्रीयकृत मार्गों पर बसें नहीं चल रही हैं। इस कारण से आम नागरिकों को यातायात में परेशानी हो रही है। एसोसिएशन ने मांग की है कि जिन मार्गों पर बसें नहीं चल रहीं, वहां के परमिट निजी बस ऑपरेटरों को दिए जाएं।