शोभना शर्मा। उदयपुर के सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय कालारोही की मेजबानी में बुधवार को 69वीं राज्य स्तरीय स्कूल जूडो खेल प्रतियोगिता की शुरुआत हुई। यह आयोजन अटल बिहारी इनडोर स्टेडियम, सुखाड़िया यूनिवर्सिटी, उदयपुर में किया जा रहा है। प्रतियोगिता में राजस्थान के विभिन्न जिलों से आए 565 छात्र-छात्राएं अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं।
जूडो प्रतियोगिता मे बजट की कमी बनी संकट
राज्य स्तरीय प्रतियोगिता की मेजबानी उदयपुर को मिलने के बाद स्कूल प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती बजट की थी। शिक्षा विभाग की ओर से प्रतियोगिता के आयोजन के लिए कोई बजट उपलब्ध नहीं कराया गया। ऐसे में प्रतियोगिता रद्द होने की स्थिति बन गई थी।
लेकिन इस कठिनाई का समाधान विद्यालय के फिजिकल टीचर किशन सोनी ने किया। उन्होंने हार न मानते हुए सामाजिक सहयोग और दानदाताओं की मदद से करीब 7 लाख रुपये का चंदा जुटाया। इसी राशि से प्रतियोगिता के आयोजन की व्यवस्थाएं पूरी की गईं।
खिलाड़ियों और निर्णायकों की व्यवस्था
चंदे से जुटाई गई राशि का उपयोग प्रतियोगिता स्थल, ठहरने और भोजन की व्यवस्थाओं पर किया गया। प्रतियोगिता के लिए सुखाड़िया यूनिवर्सिटी का इनडोर स्टेडियम किराए पर लिया गया। वहीं, बाहर से आए खिलाड़ियों और निर्णायकों को होटल में ठहराने की व्यवस्था की गई। भोजन और अन्य सुविधाओं पर भी विशेष ध्यान दिया गया ताकि खिलाड़ियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
किशन सोनी ने बताया कि इस तरह की प्रतियोगिताएं न केवल शिक्षा जगत को मजबूती देती हैं, बल्कि खेल प्रतिभाओं को भी निखारती हैं। उन्होंने मांग की कि आने वाले समय में शिक्षा विभाग को इस प्रकार के आयोजनों के लिए बजट बढ़ाना चाहिए, ताकि प्रतिभावान बच्चों को प्रोत्साहन मिल सके।
प्रतियोगिता में 565 छात्र-छात्राओं की भागीदारी
मुख्य कोच सुशील सेन ने बताया कि प्रतियोगिता में अंडर-14 छात्र-छात्रा वर्ग के मुकाबले हो रहे हैं। इसमें 37 जिलों की 278 छात्राएं और 40 जिलों के 287 छात्र शामिल हुए हैं। प्रतियोगिता के अंतर्गत 7-7 भार वर्ग में मुकाबले कराए जा रहे हैं। प्रत्येक भार वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ी आगे चलकर राजस्थान टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे। ये खिलाड़ी आगामी राष्ट्रीय स्तर की जूडो प्रतियोगिता में प्रदेश का दमखम दिखाएंगे।
प्रशिक्षित कोच के निर्देशन में हो रहे मुकाबले
मुख्य कोच ने बताया कि सभी मुकाबले प्रशिक्षित कोचों के निर्देशन में और तय मानकों के अनुसार आयोजित किए जा रहे हैं। प्रतियोगिता की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए निर्णायकों की विशेष टीम नियुक्त की गई है।
मुकाबले में खिलाड़ी पूरी ऊर्जा और समर्पण के साथ भाग ले रहे हैं। पहले दिन के खेल के बाद दूसरे दिन खिलाड़ियों को मेडल प्रदान किए जा रहे हैं। प्रतियोगिता का समापन 6 अक्टूबर को होगा।
भविष्य के सितारे गढ़ने का मंच
यह प्रतियोगिता न केवल स्कूली स्तर पर खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने का अवसर देती है, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने का मार्ग भी प्रशस्त करती है। ऐसे आयोजनों से बच्चों में आत्मविश्वास, अनुशासन और खेल भावना का विकास होता है।
फिजिकल टीचर किशन सोनी का कहना है कि यहां से निकलने वाले खिलाड़ी आने वाले समय में राजस्थान और देश का नाम रोशन करेंगे। उनका मानना है कि शिक्षा के साथ-साथ खेलों को भी समान महत्व देना जरूरी है।


