शोभना शर्मा। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (रालसा) को 28 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार अपना खुद का भवन मिलने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस बीआर गवई शनिवार को इस नए भवन का उद्घाटन करेंगे। यह भवन, जिसे ‘विधिक सेवा सदन’ नाम दिया गया है, पुराने वन भवन कॉम्प्लेक्स में बनाया गया है। उद्घाटन समारोह में सुप्रीम कोर्ट और राजस्थान हाई कोर्ट के कई प्रमुख न्यायाधीश शामिल होंगे।
नए भवन की विशेषताएं
1966 में अपनी स्थापना के बाद से राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का कार्यालय हाई कोर्ट की पुरानी इमारत में संचालित होता आ रहा था। अब नए भवन के निर्माण के बाद रालसा का संचालन ‘विधिक सेवा सदन’ से किया जाएगा।
इस भवन के निर्माण के साथ ही उसके सामने की सड़क का नामकरण ‘विधिक सेवा मार्ग’ किया जाएगा। नामकरण और उद्घाटन का कार्यक्रम शनिवार को दोपहर 12 बजे आयोजित होगा। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई के अलावा, राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस संदीप मेहता सहित कई न्यायाधीश इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
जेल रिफॉर्म पर सेमिनार
उद्घाटन समारोह के दौरान जेल सुधार (जेल रिफॉर्म) पर एक दिवसीय सेमिनार का भी आयोजन किया जाएगा। यह सेमिनार राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) में आयोजित होगा।
इस सेमिनार में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता जेल सुधार पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। वहीं, हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस पंकज भंडारी राज्य में रालसा द्वारा जेल सुधार के क्षेत्र में किए गए कार्यों की जानकारी देंगे।जेल सुधार पर इस सेमिनार का उद्देश्य जेल प्रशासन में सुधार लाना, बंदियों के अधिकारों को सुनिश्चित करना और पुनर्वास के उपायों पर चर्चा करना है। रालसा द्वारा इस विषय पर की गई पहलें अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श बन सकती हैं।
रालसा का लोगो और डेली डायरी लॉन्च
इस मौके पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के नए लोगो और डेली डायरी को भी लॉन्च किया जाएगा। यह लॉन्च रालसा की नई शुरुआत का प्रतीक है और इसके कार्यों को और अधिक व्यवस्थित और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।