मनीषा शर्मा। राजस्थान में खेल संघों की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवालों के बीच राज्य के खेल मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य में खेलों के साथ किसी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने राजस्थान क्रीड़ा परिषद को सुझाव दिया कि सभी खेल संघों और समितियों का वित्तीय ऑडिट करवाया जाए, ताकि किसी भी तरह की वित्तीय गड़बड़ी को रोका जा सके।
खेल मंत्री ने कहा कि खेल परिषद को राज्य के सभी खेल निकायों, जिनमें क्रिकेट भी शामिल है, के लिए एक उच्च स्तरीय शासन प्रणाली लागू करनी चाहिए। उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा अपनाई गई नीतियों का उदाहरण देते हुए कहा कि राजस्थान में भी खेल संघों को इसी तरह के सख्त नियमों के तहत संचालित किया जाना चाहिए। इससे खेल संगठनों में पारदर्शिता और अनुशासन बना रहेगा।
इससे पहले, राजस्थान क्रीड़ा परिषद ने राजस्थान राज्य ओलंपिक संघ समेत कई खेल संघों को सख्त चेतावनी दी थी। परिषद ने कहा था कि अगर ये संगठन पारदर्शिता और नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसी के चलते खेल मंत्री का यह कड़ा रुख सामने आया है, जो राज्य के खेल संगठनों के लिए एक सख्त संदेश माना जा रहा है।
रविवार देर रात, खेल मंत्री ने सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को उठाया। अपने ट्वीट में उन्होंने खेल संघों से राजनीति से ऊपर उठकर केवल खेल के विकास पर ध्यान देने की अपील की। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि यदि खेल संघों ने अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं किया, तो सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने ट्वीट करते हुए लिखा- “राजस्थान में खेल के साथ खेल नहीं होने देंगे। भजनलाल सरकार खेलों के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। राज्य की सभी खेल फेडरेशनों और समितियों की जिम्मेदारी है कि वे खेलों के हित में विवेकपूर्ण निर्णय लें। खेल परिषद को वित्तीय ऑडिट की मांग करनी चाहिए ताकि पारदर्शिता बनी रहे। खेल परिषद सभी खेल निकायों, जिनमें क्रिकेट भी शामिल है, में उच्च स्तरीय शासन प्रणाली लागू करने में मदद करेगी, जैसा कि BCCI द्वारा अनिवार्य किया गया है।”
खेल संघों के लिए यह साफ संदेश है कि अब अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार खेल संगठनों की जवाबदेही तय करने के लिए पूरी तरह तैयार है।