मनीषा शर्मा, अजमेर। राजस्थान का विश्व प्रसिद्ध पुष्कर मेला न केवल अपनी सांस्कृतिक और व्यावसायिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि धार्मिक आयोजनों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसी कड़ी में 26 नवंबर 2024 को ‘एक शाम खाटू के नाम’ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें प्रसिद्ध भजन गायक कन्हैया मित्तल अपनी प्रस्तुतियों से श्रद्धालुओं को भक्तिमय करेंगे।
यह कार्यक्रम मेला ग्राउंड में शाम 8 बजे से रात 11 बजे तक चलेगा। श्रद्धालुओं के उत्साह और बड़ी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने ट्रैफिक और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।
कन्हैया मित्तल की भजन संध्या के लिए विशेष तैयारियां
श्रद्धालुओं की बैठने की व्यवस्था
- मेला ग्राउंड में करीब 20,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है।
- आयोजन स्थल को 5 बड़े ब्लॉक में विभाजित किया गया है:
- वीवीआईपी ब्लॉक: 500 लोग
- वीआईपी ब्लॉक: 3,000 लोग
- कॉमन ब्लॉक: 15,000 लोग
भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस बल तैनात
100 ट्रैफिक पुलिसकर्मी और 200 सिविल पुलिसकर्मी ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। सुरक्षा के लिए 300 पुलिसकर्मी, अधिकारी और जवान कार्यक्रम स्थल पर मौजूद रहेंगे।
विशेष यातायात योजना
पिछले आयोजनों में देखी गई अव्यवस्थाओं से सबक लेते हुए पुलिस प्रशासन ने रूट मैनेजमेंट और ट्रैफिक नियंत्रण के लिए विस्तृत प्लान तैयार किया है।
भारी वाहनों पर रोक: शाम 5 बजे से रात 11 बजे तक पुष्कर शहर में भारी वाहनों का प्रवेश बंद रहेगा।
वन-वे ट्रैफिक:
बांगड़ तिराहे से गनाहेड़ा तिराहे तक वन-वे ट्रैफिक लागू किया गया है। नागौर से अजमेर की ओर जाने वाले वाहन बूढ़ा पुष्कर के रास्ते डायवर्ट किए जाएंगे।
वीआईपी और सामान्य श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था
वीआईपी और अतिथियों के लिए अलग रूट और पार्किंग की व्यवस्था की गई है। मेला ग्राउंड के प्रवेशद्वार पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद रहेगी। श्रद्धालु पैदल ही स्थल तक पहुंच सकेंगे।
कन्हैया मित्तल का कार्यक्रम शेड्यूल
- शाम 5 बजे: कन्हैया मित्तल जयपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे।
- शाम 6 बजे: पुष्कर के लिए सड़क मार्ग से रवाना होंगे।
- शाम 8 बजे: मेला ग्राउंड पहुंचकर अपनी भजन संध्या की शुरुआत करेंगे।
- रात 11 बजे: कार्यक्रम का समापन।
पिछले अनुभवों से सीखा सबक
कैलाश खेर नाइट के दौरान हुई अव्यवस्थाओं से सबक लेते हुए इस बार प्रशासन ने विशेष ध्यान दिया है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रवेश और निकास द्वार को व्यवस्थित किया गया है। श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए मेला ग्राउंड के पीछे की ओर पार्किंग स्थल बनाए गए हैं।
धार्मिक आयोजन और प्रशासन का तालमेल
‘एक शाम खाटू के नाम’ जैसे आयोजनों से पुष्कर मेले की धार्मिक महत्ता और बढ़ जाती है।
आयोजन का महत्व:
यह आयोजन खाटू श्याम जी के भक्तों और स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है।प्रशासनिक तैयारी:
कार्यक्रम के सफल और सुरक्षित संचालन के लिए पुलिस प्रशासन, आयोजनकर्ताओं और नगर पालिका ने मिलकर विस्तृत योजना बनाई है।पुष्कर मेले का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
पुष्कर मेला केवल ऊंट और पशु मेले तक सीमित नहीं है। यह भारत की समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। कन्हैया मित्तल की भजन संध्या जैसे कार्यक्रम न केवल धार्मिक भावनाओं को जागृत करते हैं, बल्कि मेले को एक आध्यात्मिक पहचान भी देते हैं।