शोभना शर्मा। अजमेर के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में आयोजित होने वाले 813वें उर्स-2025 में भाग लेने के लिए पाकिस्तानी जायरीन का जत्था 6 जनवरी को अजमेर पहुंचेगा। इस खास आयोजन के लिए प्रशासन और पुलिस ने व्यापक इंतजाम किए हैं। करीब 100 पाकिस्तानी जायरीन के ठहरने, सुरक्षा और अन्य सुविधाओं का ध्यान रखते हुए सेंट्रल गर्ल्स स्कूल पुरानी मंडी को उनके निवास स्थान के रूप में चुना गया है।
विशेष ट्रेन से आएंगे जायरीन
पाकिस्तान से आने वाले जायरीन का जत्था विशेष ट्रेन के माध्यम से अजमेर पहुंचेगा। ये जायरीन 6 जनवरी से 9 जनवरी तक ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर जियारत करेंगे और 10 जनवरी को वापस लौट जाएंगे। प्रशासन की ओर से इनकी यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
ठहरने के लिए विशेष व्यवस्थाएं
पाकिस्तानी जायरीन के ठहरने के लिए सेंट्रल गर्ल्स स्कूल पुरानी मंडी में विशेष इंतजाम किए गए हैं। यहां जायरीन को आरामदायक माहौल प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
संपर्क अधिकारी की नियुक्ति:अजमेर विकास प्राधिकरण के उपायुक्त भरतराज गुर्जर को सम्पर्क अधिकारी बनाया गया है।
अतिरिक्त और सहायक अधिकारी:जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ऐजाज अहमद को अतिरिक्त सम्पर्क अधिकारी और तहसीलदार ओम सिंह लखावत को सहायक सम्पर्क अधिकारी नियुक्त किया गया है।
सी-फॉर्म और डिजिटल प्रक्रियाएं
पाकिस्तानी जायरीन के आगमन के 24 घंटे के भीतर उनके सी-फॉर्म की ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी करने का जिम्मा एनआईसी के संयुक्त निदेशक तेजा सिंह रावत को सौंपा गया है। इस कार्य में भू-अभिलेख निरीक्षक राजवीर सिंह को सहायक प्रभारी नियुक्त किया गया है। यह डिजिटल प्रक्रिया जायरीन के ठहरने और यात्रा को प्रशासनिक दृष्टि से सुगम बनाने में मदद करेगी।
सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम
पाकिस्तानी जायरीन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अजमेर में विशेष पुलिस बल और प्रशासनिक अमला तैनात किया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था का उद्देश्य:दरगाह और सेंट्रल गर्ल्स स्कूल के आसपास सुरक्षा को लेकर कोई चूक न हो, यह प्रशासन की प्राथमिकता है।
सीमित प्रवेश:जायरीन के लिए विशिष्ट ठहराव क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
दरगाह में जियारत और श्रद्धा का माहौल
813वें उर्स के दौरान ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर जायरीन मजार शरीफ पर चादर पेश करेंगे और देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं के साथ इस आध्यात्मिक आयोजन का हिस्सा बनेंगे।
पाकिस्तानी जायरीन का अनुभव:हर साल की तरह, पाकिस्तानी जायरीन इस आयोजन में विशेष श्रद्धा और भक्ति के साथ भाग लेते हैं।
आध्यात्मिक संदेश:ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का संदेश, जिसमें मानवता, प्रेम और भाईचारे की बात की गई है, इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है।