शोभना शर्मा । हिंदी लेक्चरर भर्ती 2022 परीक्षा में पकड़ी गई दो महिला कैंडिडेट्स की डिग्री संदिग्ध लगने पर RPSC ने उन्हें मेवाड़ यूनिवर्सिटी से सत्यापन कराने का निर्देश दिया था। दोनों महिला कैंडिडेट्स ने कुछ समय मांगा और फिर उनके भाई ने दो बिचौलियों के माध्यम से फर्जी डिग्री वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट तैयार करवाया।
SOG ने इसी मामले में जोधपुर के एक प्राइवेट टीचर और पाली के एक बजरी व्यापारी को गिरफ्तार किया है। इन दोनों ने कमला और ब्रह्माकुमारी को मेवाड़ यूनिवर्सिटी का फर्जी डिग्री वेरिफिकेशन लेटर बनाकर दिया था। SOG ने रविवार देर रात दोनों को गिरफ्तार किया और सोमवार को कोर्ट में पेश कर 4 दिन की रिमांड पर लिया। अब तक इस मामले में 9 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और आगे भी गिरफ्तारियों की संभावना है।
SOG के एडिशनल एसपी मुकेश सोनी ने बताया कि जोधपुर निवासी सोमेश गोदारा (30) और पाली निवासी सुनील बिश्नोई (35) को गिरफ्तार किया गया है। प्रारंभिक पूछताछ में दोनों से फर्जी डिग्री वेरिफिकेशन लेटर बनवाने का खुलासा हुआ है। सोमेश जोधपुर के एक प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं और सुनील बजरी व्यापारी हैं।
SOG की जांच में सामने आया कि ब्रह्माकुमारी और कमला कुमारी की डिग्री संदिग्ध लगने पर RPSC ने सत्यापन के लिए उन्हें मेवाड़ यूनिवर्सिटी से वेरिफिकेशन लेटर लाने को कहा था। इस दौरान ब्रह्माकुमारी के भाई डॉ. सुरेश बिश्नोई ने पाली के बजरी व्यापारी सुनील बिश्नोई से मदद मांगी। सुनील ने जोधपुर के प्राइवेट टीचर सोमेश गोदारा से संपर्क कर फर्जी सत्यापन लेटर बनवाया। इन लेटरों को अजमेर भिजवाया गया, जहां से कमला और ब्रह्माकुमारी ने इन्हें रिसीव किया और RPSC में जमा करवाया, जिससे उनकी साजिश पकड़ी गई।
SOG की जांच में यह भी पाया गया कि ब्रह्माकुमारी का भाई डॉ. सुरेश बिश्नोई और सुनील बिश्नोई वॉट्सऐप के जरिए दस्तावेजों का लेनदेन करते थे। एसओजी को सुरेश बिश्नोई के मोबाइल से चैट मिली, जिससे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ। इस मामले में अब तक 9 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और जांच जारी है।