latest-newsजयपुरराजस्थान

RIICO की प्रत्यक्ष आवंटन योजना का छठा चरण 30 अक्टूबर से शुरू, 6000 औद्योगिक भूखंडों की पेशकश

RIICO की प्रत्यक्ष आवंटन योजना का छठा चरण 30 अक्टूबर से शुरू, 6000 औद्योगिक भूखंडों की पेशकश

शोभना शर्मा।  राजस्थान में औद्योगिक विकास को नई दिशा देने और निवेशकों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन (RIICO) ने अपनी प्रत्यक्ष आवंटन योजना का छठा चरण शुरू करने की घोषणा की है। रीको के अनुसार, इस चरण की प्रक्रिया 30 अक्टूबर 2025 से प्रारंभ होकर 13 नवम्बर 2025 तक चलेगी। इस अवधि में निवेशक ऑनलाइन आवेदन और ईएमडी (अमानत राशि) जमा कर सकेंगे। इसके बाद ई-लॉटरी प्रक्रिया 18 नवम्बर 2025 को आयोजित की जाएगी। इस चरण का उद्देश्य राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को गति देना और निवेशकों को पारदर्शी व सरल तरीके से औद्योगिक भूमि उपलब्ध कराना है।

6000 औद्योगिक भूखंड उपलब्ध होंगे

रीको के इस छठे चरण में राज्य के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में करीब 6000 औद्योगिक भूखंड उपलब्ध कराए जाएंगे। इनमें जयपुर, जोधपुर, बीकानेर और अन्य जिलों के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं। मुख्य क्षेत्रों की सूची इस प्रकार है —

  • जयपुर: माथासुला, मंडा (द्वितीय), रेनवाल, कुंजबिहारीपुरा, तुंगा

  • जोधपुर: झाक औद्योगिक क्षेत्र

  • बीकानेर: करणी विस्तार और गजनेर

इन स्थानों को इसलिए चुना गया है ताकि राजस्थान के विभिन्न भौगोलिक हिस्सों में समान रूप से औद्योगिक निवेश बढ़ सके।

निवेशकों के लिए बड़ा अवसर

रीको ने इस चरण को “राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट 2024” में हुए निवेश समझौतों (MoUs) से जोड़ते हुए तैयार किया है। इसलिए, यह योजना उन निवेशकों के लिए विशेष रूप से लाभदायक है जिन्होंने राज्य सरकार के साथ एमओयू (MoU) किए थे और अब अपने औद्योगिक प्रोजेक्ट्स को मूर्त रूप देना चाहते हैं। छठा चरण न केवल नए निवेश को आकर्षित करेगा बल्कि राज्य की औद्योगिक आधारभूत संरचना को मजबूत करने में भी मदद करेगा।

सामाजिक समावेश और आरक्षण प्रावधान

रीको ने योजना में सामाजिक समावेश और समान अवसर को भी ध्यान में रखा है। इसके तहत निम्न श्रेणियों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है —

  • अनुसूचित जाति (SC)

  • अनुसूचित जनजाति (ST)

  • महिला उद्यमी

  • भूतपूर्व सैनिक

  • बेंचमार्क दिव्यांगजन

  • सशस्त्र बलों के शहीदों के आश्रित

यह प्रावधान न केवल सामाजिक न्याय को बढ़ावा देगा बल्कि इन वर्गों में औद्योगिक उद्यमिता को भी प्रोत्साहित करेगा।

पांचवें चरण की सफलता बनी आधार

रीको की प्रत्यक्ष आवंटन योजना के पांचवें चरण को निवेशकों से बेहतरीन प्रतिक्रिया मिली थी। सितंबर 2025 में संपन्न हुए उस चरण में 224 भूखंडों के लिए 322 आवेदन प्राप्त हुए थे। जयपुर के कुंजबिहारीपुरा, जोधपुर के बोरानाडा विस्तार और झुंझुनूं के मलसीसर औद्योगिक क्षेत्र में निवेशकों ने विशेष रुचि दिखाई थी। अब तक इस योजना के तहत कुल 990 भूखंडों के लिए 1450 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 707 भूखंडों का आवंटन पूरा किया जा चुका है, जबकि 213 प्रकरण प्रक्रियाधीन हैं।

पारदर्शी आवंटन प्रणाली

रीको ने औद्योगिक भूखंडों के आवंटन को पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए दो श्रेणियों में विभाजित किया है —

  1. 50,000 वर्गमीटर तक के भूखंड:
    यदि किसी भूखंड के लिए केवल एक ही आवेदक है, तो उसे सीधा आवंटन (Direct Allotment) किया जाएगा।
    लेकिन यदि एक से अधिक आवेदक होंगे, तो ई-लॉटरी प्रणाली के माध्यम से आवंटन किया जाएगा।

  2. 50,000 वर्गमीटर से अधिक भूखंड:
    ऐसे भूखंडों के लिए आवंटन पात्रता, परियोजना की व्यवहार्यता और आवेदक की आवश्यकता के गुणावगुण के आधार पर किया जाएगा।

इस व्यवस्था का उद्देश्य औद्योगिक भूमि वितरण में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा बनाए रखना है।

केवल MoU धारक कंपनियां कर सकेंगी आवेदन

रीको ने स्पष्ट किया है कि इस चरण में आवेदन केवल वही कंपनियां या व्यक्ति कर सकेंगे जिन्होंने राज्य सरकार के साथ एमओयू (MoU) किया है। यह शर्त इसलिए रखी गई है ताकि औद्योगिक परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा सके जो पहले से ही निवेश के लिए प्रतिबद्ध हैं।

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया और वेबसाइट

निवेशक आवेदन और विस्तृत जानकारी के लिए निम्नलिखित पोर्टलों पर जा सकते हैं —

यहां निवेशक आवेदन पत्र, पात्रता शर्तें, भूखंडों का विवरण, और ईएमडी राशि से संबंधित दिशा-निर्देश प्राप्त कर सकते हैं।

राज्य के औद्योगिक विकास में नई गति

रीको की प्रत्यक्ष आवंटन योजना ने पिछले कुछ वर्षों में राजस्थान के औद्योगिक ढांचे को नई दिशा दी है। इसके तहत निवेश प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाया गया है, जिससे राज्य में छोटे और बड़े दोनों उद्योगों को समान अवसर मिल रहे हैं। छठे चरण से राज्य में न केवल नए उद्योगों की स्थापना होगी, बल्कि स्थानीय रोजगार सृजन, कच्चे माल की खपत, और औद्योगिक उत्पादन में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading