मनीषा शर्मा। एसआई भर्ती 2021 पेपर लीक मामले में एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) को एक और महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगा है। सोमवार को एसओजी टीम ने रिमांड पर चल रहे ट्रेनी एसआई बिजेंद्र और रितु शर्मा को उनके झुंझुनूं स्थित घर और अन्य ठिकानों पर ले जाकर सर्च ऑपरेशन किया। इस सर्च के दौरान एसओजी को एक डायरी बरामद हुई, जिसमें पैसों के लेनदेन का उल्लेख किया गया है।
सर्च ऑपरेशन लगभग पौन घंटे तक चला, जिसमें एसओजी टीम ने विभिन्न स्थानों पर जांच की। इस दौरान जब टीम ने दोनों ट्रेनी एसआई से पूछताछ की, तो उन्होंने किसी भी जानकारी से इनकार किया। एसओजी ने इस कार्रवाई में दोनों आरोपियों के घरों से मिले सबूतों की जांच की, जिनमें डायरी सबसे महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
चिड़ावा से जोधपुर तक फैला नेटवर्क
एसओजी की जांच में अब तक सामने आया है कि एसआई भर्ती पेपर लीक मामले में आरोपियों का नेटवर्क चिड़ावा से लेकर जोधपुर तक फैला हुआ है। दोनों ट्रेनी एसआई बिजेंद्र और रितु शर्मा इस नेटवर्क के महत्वपूर्ण सदस्य बताए जा रहे हैं। झुंझुनूं के चिड़ावा स्थित इनके आवासों पर हुई छापेमारी के दौरान एसओजी की टीम ने सख्ती से जांच की और सबूत जुटाए।
डायरी में पैसों का लेनदेन
एसओजी द्वारा की गई छापेमारी के दौरान एक महत्वपूर्ण डायरी मिली है, जिसमें पैसों के लेनदेन का ब्यौरा दर्ज है। हालांकि, दोनों आरोपियों ने इस डायरी से किसी भी संबंध की पुष्टि नहीं की है। माना जा रहा है कि यह डायरी पेपर लीक के लेनदेन और नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों के बारे में जानकारी दे सकती है।
घर का नक्शा भी तैयार किया गया
सर्च के दौरान एसओजी ने ट्रेनी एसआई बिजेंद्र के घर का नक्शा भी तैयार किया, ताकि भविष्य में किसी और जांच या छापेमारी के लिए आसानी हो सके। सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस जाब्ता भी तैनात रहा, और सभी जगह सघन जांच की गई।
एसओजी की अब तक की कार्रवाई
पिछले कुछ दिनों में एसओजी ने कई अहम गिरफ्तारी की है, जिनमें ट्रेनी एसआई बिजेंद्र और रितु शर्मा भी शामिल हैं। बिजेंद्र को गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि रितु शर्मा ने एसआई भर्ती परीक्षा का पेपर सॉल्व करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। रितु ने परीक्षा सेंटर संचालक को 8 लाख रुपए दिलवाए थे, और इसके बाद एसओजी की गिरफ्तारी से बचने के लिए 10 लाख रुपए की अतिरिक्त डील भी की थी।
इन पैसों का लेनदेन रितु और एक रिटायर्ड फौजी के माध्यम से हुआ। 10 लाख में से तीन लाख रुपए ऑनलाइन भुगतान किए गए, जबकि सात लाख रुपए रितु को नकद दिए गए। रितु ने अपने पूर्व परिचित जोधपुर के परीक्षा सेंटर संचालक से यह पूरी डील की थी।
आगे की कार्रवाई
एसओजी की जांच जारी है, और इस पेपर लीक मामले में कई और गिरफ्तारियों की उम्मीद की जा रही है। एसओजी टीम अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, ताकि इस घोटाले के सभी पहलुओं को उजागर किया जा सके।