शोभना शर्मा। 26 अगस्त 2024 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व मनाया जा रहा है। द्वापर युग में इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्य हुआ था। ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, इस साल श्रीकृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। इस अवसर पर भक्तजन भगवान कृष्ण की पूजा के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त का पालन करेंगे, जो सुबह 6:00 से 7:30 बजे, 9:00 से 10:30 बजे, और दोपहर 1:30 से शाम 7:30 बजे तक रहेगा।
पूजा के लिए आवश्यक सामग्री में तांबे का लोटा, कलश, दूध, पीले वस्त्र, चंदन, कुमकुम, दीपक, धूपबत्ती, तुलसी, मोरपंख, बांसुरी, फल, मिठाई, पंचामृत, माखन, और मिश्री शामिल हैं। पूजा में तुलसी के पत्ते विशेष रूप से शामिल किए जाने चाहिए, क्योंकि बिना तुलसी के भगवान भोग स्वीकार नहीं करते।
श्रीकृष्ण को पंजीरी का भोग भी लगाया जाता है, जो काजू-बादाम, किशमिश, मखाने, और अन्य स्वास्थ्यवर्धक सामग्री से बनती है। व्रत के बाद इसे खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। जन्माष्टमी के दिन व्रत रखने की परंपरा है ताकि भक्त एकाग्रता से पूजा कर सकें और अपने मन को भक्ति में लीन कर सकें।
इस पावन पर्व पर श्रीकृष्ण के साथ-साथ भगवान शिव की भी पूजा की जाती है। पूजा के बाद गौशाला में गायों की देखभाल के लिए दान देना शुभ माना जाता है।