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भारतीय शेयर बाजार की चमक फीकी: फेस्टिव सीजन की तेजी के बाद सेंसेक्स-निफ्टी में गिरावट

भारतीय शेयर बाजार की चमक फीकी: फेस्टिव सीजन की तेजी के बाद सेंसेक्स-निफ्टी में गिरावट

शोभना शर्मा।  भारतीय शेयर बाजार ने संवत 2082 की शुरुआत शानदार तरीके से की थी। दिवाली और फेस्टिव सीजन के दौरान बाजार में आई तेजी ने निवेशकों में भरोसा जगाया था। लेकिन बीते सप्ताह के अंत तक यह तेजी थम गई। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में गिरावट दर्ज की गई, जिससे यह संकेत मिला कि प्रॉफिट बुकिंग और वैश्विक तनावों का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ने लगा है।

फेस्टिव सीजन में कंज्यूमर डिमांड ने दी थी मजबूती

दिवाली के दौरान बाजार में जबरदस्त कंज्यूमर डिमांड देखने को मिली। जीएसटी सुधार और वस्तुओं के दामों में गिरावट के कारण घरेलू खर्च में वृद्धि हुई, जिससे रिटेल और कंज्यूमर सेक्टर में रौनक आई। विशेषज्ञों का कहना है कि फेस्टिव सीजन की बिक्री ने कंज्यूमर सेंटीमेंट को मजबूत किया, जिससे शुरुआती सप्ताह में शेयर बाजार में उछाल देखने को मिला। पीएसयू बैंकिंग शेयरों ने इस रैली का नेतृत्व किया। कई बैंकों के शेयरों ने नई ऊंचाई छुई, जबकि ऑटो और एफएमसीजी सेक्टर में भी मजबूती रही।

प्रॉफिट बुकिंग और वैश्विक संकेतों से टूटी रफ्तार

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर ने बताया कि पिछले सप्ताह के दौरान कीमती धातुओं और ऊर्जा बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया। उन्होंने कहा कि, “प्रॉफिट बुकिंग और मजबूत अमेरिकी डॉलर की वजह से यह 10 सालों में सबसे बड़ी एक दिन की गिरावट रही।” अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा रूसी तेल कंपनियों पर नए प्रतिबंध लगाने के बाद कच्चे तेल की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। इस कारण वैश्विक आपूर्ति और मुद्रास्फीति की चिंताएं बढ़ीं, जिसने निवेशकों की धारणा को कमजोर किया।

छह दिन की बढ़त पर लगा ब्रेक

भारतीय बाजार ने लगातार छह कारोबारी दिन तेजी देखी थी। लेकिन शुक्रवार को यह बढ़त रुक गई। सेंसेक्स 344.52 अंक यानी 0.41% गिरकर 84,211.88 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 96.25 अंक या 0.37% की गिरावट के साथ 25,795.15 पर आ गया। इस तरह बाजार ने लाल निशान में हफ्ते का अंत किया। वहीं, निफ्टी बैंक भी अत्यधिक अस्थिर हफ्ते के बाद 378 अंक टूटकर 57,699 के स्तर पर बंद हुआ।

तकनीकी संकेत अभी भी मजबूत

चॉइस इक्विटी ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड के डेरिवेटिव एनालिस्ट हार्दिक मतालिया के अनुसार, “निफ्टी अपने 20-डे, 50-डे और 200-डे एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज से ऊपर ट्रेड कर रहा है, जो बाजार के मजबूत बने रहने का संकेत है।” उन्होंने कहा कि रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) 61.60 पर है और साइडवेज मूवमेंट दिखा रहा है। इससे यह संकेत मिलता है कि बाजार फिलहाल कंसोलिडेशन फेज में है और आने वाले सप्ताहों में एक बार फिर तेजी पकड़ सकता है।

निवेशकों में सतर्कता का माहौल

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक परिस्थितियों के चलते फिलहाल निवेशकों में सतर्कता बनी रहेगी। अमेरिका और यूरोप के आर्थिक आंकड़े, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, डॉलर की मजबूती और एशियाई बाजारों के प्रदर्शन का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ेगा। वहीं, घरेलू स्तर पर अक्टूबर-नवंबर के कॉर्पोरेट नतीजे और सरकारी नीतिगत फैसले बाजार की दिशा तय करेंगे।

आने वाले दिनों में क्या रहेगा रुख?

विश्लेषकों का मानना है कि फिलहाल बाजार में कंसोलिडेशन की स्थिति बनी रहेगी। निफ्टी के लिए 25,500 का स्तर मजबूत सपोर्ट और 26,000 का स्तर प्रमुख रेजिस्टेंस के रूप में काम करेगा। यदि कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता आती है और विदेशी निवेशकों की खरीदारी बढ़ती है, तो भारतीय बाजार फिर से तेजी की राह पकड़ सकता है। शेयर बाजार विश्लेषकों का अनुमान है कि आने वाले हफ्तों में बैंकिंग, ऑटो और फार्मा सेक्टर में रोटेशनल बायिंग देखने को मिल सकती है। फेस्टिव सीजन में भारतीय शेयर बाजार ने उम्मीदों के मुताबिक शानदार शुरुआत की थी, लेकिन सप्ताह के अंत में प्रॉफिट बुकिंग और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता ने रफ्तार थाम ली। फिर भी तकनीकी संकेत बताते हैं कि बाजार की बुनियादी स्थिति मजबूत है और आने वाले दिनों में सुधार की उम्मीद बनी हुई है।

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