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अंता उपचुनाव: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का मीणा को समर्थन

अंता उपचुनाव: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का मीणा को समर्थन

शोभना शर्मा।  राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में अब सियासत के साथ धर्म का रंग भी देखने को मिल रहा है। ज्योतिषपीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के समर्थन में खुलकर अपील की है। उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए मतदाताओं से गौ माता की रक्षा के नाम पर नरेश मीणा को वोट देने की बात कही है।

शंकराचार्य की इस अपील के बाद अंता की सियासत में हलचल मच गई है, क्योंकि चुनावी माहौल में किसी प्रमुख धार्मिक नेता द्वारा खुलकर समर्थन देने की घटनाएं राजस्थान की राजनीति में बहुत कम देखी जाती हैं।

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का संदेश: ‘धर्म रक्षा के लिए करें मतदान’

अपने संदेश में शंकराचार्य ने कहा,

“गौ माता की रक्षा के लिए ऐसे प्रतिनिधि का चयन करें जो धर्म, संस्कृति और समाज के हित में कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हो। अंता की जनता से अपील है कि वे नरेश मीणा को भारी मतों से विजयी बनाएं और इस उपचुनाव को धर्म रक्षा का अवसर बनाएं।”

शंकराचार्य ने यह भी कहा कि समाज को ऐसे लोगों की आवश्यकता है जो न केवल अपने राजनीतिक हितों के लिए बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा के लिए काम करें। उन्होंने नरेश मीणा को गौ संरक्षण और हिंदू समाज के उत्थान के लिए समर्पित नेता बताया।

अंता उपचुनाव में बढ़ी गर्मी

शंकराचार्य के इस बयान के बाद राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है। चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में कांग्रेस, बीजेपी और निर्दलीय उम्मीदवार अपनी-अपनी रणनीतियों पर काम कर रहे हैं। अब धार्मिक समर्थन से यह उपचुनाव और भी दिलचस्प हो गया है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि धार्मिक हस्तक्षेप से ग्रामीण इलाकों में मतदाताओं के रुझान पर असर पड़ सकता है, खासकर उन इलाकों में जहां परंपरागत रूप से धार्मिक नेताओं की पकड़ मजबूत रही है।

क्यों हो रहे हैं अंता में उपचुनाव?

अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव पूर्व विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द होने के बाद जरूरी हो गया था। इस सीट पर अब तीन प्रमुख दावेदार हैं —

  • कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया,

  • भाजपा के मोरपाल सुमन, और

  • निर्दलीय नरेश मीणा

इन तीनों उम्मीदवारों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है। नरेश मीणा ने क्षेत्र में सक्रिय जनसंपर्क और स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता देकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है।

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