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पुष्कर में वरिष्ठ अधिवक्ता की हत्या: आंदोलन खत्म, 5 मांगों पर सहमति

पुष्कर में वरिष्ठ अधिवक्ता की हत्या: आंदोलन खत्म, 5 मांगों पर सहमति

मनीषा शर्मा, अजमेर। पुष्कर में वरिष्ठ अधिवक्ता पुरुषोत्तम जाखोटिया की हत्या के विरोध में वकीलों द्वारा किए जा रहे आंदोलन का रविवार सुबह अंत हो गया। प्रशासन और अधिवक्ता समुदाय के बीच पांच सूत्रीय मांगों पर सहमति बनने के बाद विरोध समाप्त कर दिया गया। इस मामले में राज्य सरकार ने 35 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने, परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी देने, पड़ोस में स्थित शराब ठेके को बंद करने, अवैध डीजे पर पाबंदी लगाने और पुलिस स्टाफ पर जांच के बाद कार्रवाई करने की मांगें मान ली हैं।

अधिवक्ता समुदाय ने किया था उग्र विरोध

वरिष्ठ अधिवक्ता की हत्या के बाद वकीलों में जबरदस्त आक्रोश था। उन्होंने न्याय की मांग को लेकर प्रशासन और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। शनिवार को वकीलों ने चेतावनी दी थी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे रेल रोकने और हाईवे जाम करने जैसे कदम उठा सकते हैं। इस चेतावनी के मद्देनजर पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क था।

प्रशासन और सरकार के साथ वार्ता से निकला हल

अजमेर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह रावत ने जानकारी दी कि अधिवक्ताओं ने वरिष्ठ अधिवक्ता की हत्या के मामले में न्याय के लिए पांच सूत्रीय मांगें प्रशासन और सरकार के सामने रखी थीं। कई दौर की वार्ता के बाद रविवार सुबह प्रशासन ने सभी मांगों को स्वीकार कर लिया, जिससे विरोध समाप्त हो गया। सहमति बनने के बाद अधिवक्ताओं ने अपनी हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया।

5 सूत्रीय मांगें जिन पर बनी सहमति

  1. आर्थिक सहायता: मृतक अधिवक्ता के परिवार को राज्य सरकार की ओर से 35 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।

  2. संविदा पर नौकरी: परिवार के एक सदस्य को सरकारी विभाग में संविदा पर नौकरी दी जाएगी।

  3. शराब ठेके की बंदी: घटना स्थल के पास स्थित शराब ठेके को पूरी तरह बंद कर दिया गया है।

  4. अवैध डीजे पर रोक: क्षेत्र में अवैध डीजे बजाने पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाई जाएगी।

  5. पुलिस कार्रवाई: घटना के दौरान लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों पर जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मेडिकल बोर्ड की निगरानी में हुआ पोस्टमॉर्टम

मृतक अधिवक्ता पुरुषोत्तम जाखोटिया का पोस्टमॉर्टम रविवार को जयपुर के जेएलएन अस्पताल की मॉर्च्युरी में पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड की निगरानी में किया गया। इस दौरान अधिवक्ता समुदाय के सदस्य भी मौजूद रहे। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता भी तैनात किया गया। अतिरिक्त जिला कलेक्टर गजेंद्र सिंह, एडिशनल एसपी हिमांशु जांगिड़ और दीपक शर्मा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया, जिसे पुष्कर ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया।

पुलिस प्रशासन अलर्ट पर रहा

अधिवक्ताओं की चेतावनी को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी। रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ को अलर्ट पर रखा गया था, वहीं हाईवे पर भी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। हालांकि, प्रशासन और वकीलों के बीच सहमति बनने के कारण किसी भी तरह के प्रदर्शन या जाम की नौबत नहीं आई।

प्रोटेक्शन एक्ट की मांग पर अधिवक्ता करेंगे आगे आंदोलन

अजमेर बार एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि वे अधिवक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की मांग को लेकर भविष्य में भी आंदोलन जारी रखेंगे। वकीलों का कहना है कि जब तक अधिवक्ताओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में सख्त कानून नहीं बनाया जाता, वे संघर्ष जारी रखेंगे।

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