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अशोक गहलोत जगदीप धनखड़ को देख बोले- हम तो ढूंढ रहे थे

अशोक गहलोत जगदीप धनखड़ को देख बोले- हम तो ढूंढ रहे थे

शोभना शर्मा। राजस्थान की राजनीति में हलचल तब बढ़ गई जब उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के लगभग डेढ़ महीने बाद जगदीप धनखड़ सार्वजनिक रूप से दिखाई दिए। धनखड़ को उनके उत्तराधिकारी सीपी राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में पहली बार देखा गया। इस दौरान उनकी उपस्थिति को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई। खासकर, राजस्थान के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पर चुटकी लेते हुए टिप्पणी की और कहा कि वे तो धनखड़ को ढूंढ ही रहे थे।

गहलोत ने क्या कहा?

मीडिया ने जब अशोक गहलोत से जगदीप धनखड़ की मौजूदगी पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा,
“ये तो आप मुझे खबर दे रहे हो कि धनखड़ साहब भी प्रकट हो गए हैं। अभी तक तो वो प्रकट नहीं हुए थे। हम सब उनको ढूंढ रहे थे, खासकर हम राजस्थान वाले उनका इंतजार कर रहे थे क्योंकि वह राजस्थान के रहने वाले हैं। हमारे उनसे व्यक्तिगत संबंध भी काफी अच्छे रहे हैं।”

गहलोत ने आगे कहा कि अब वह खुद भी इस बात की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि उनकी धनखड़ से कब मुलाकात होती है। उन्होंने कहा,
“अब आपने मुझे खुशखबरी दी है तो मैं मालूम करता हूं कि वो कब मिलेंगे, कहां मिलेंगे, यहां आएंगे या हमें ही जाना पड़ेगा।”

इस्तीफे के बाद गायब रहे धनखड़

21 जुलाई को जगदीप धनखड़ ने अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य बताया था। हालांकि इस्तीफे के बाद से उनकी सार्वजनिक मंच से गैर-मौजूदगी पर लगातार सवाल उठते रहे। विपक्ष ने भी उनके लंबे समय तक सार्वजनिक जीवन से दूर रहने पर सरकार से सफाई मांगी थी।

शपथ ग्रहण समारोह के दौरान धनखड़ पहली पंक्ति में बैठे नजर आए। उनके साथ पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और हामिद अंसारी भी मौजूद थे। उनकी तस्वीर सामने आने के बाद ही राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई और गहलोत ने अपनी प्रतिक्रिया दी।

इस्तीफे पर गहलोत की पहली प्रतिक्रिया

धनखड़ के इस्तीफे के समय अशोक गहलोत ने इसे लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि,
“मैंने कुछ दिन पहले जोधपुर में कहा था कि लोकसभा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति दोनों दबाव में काम कर रहे हैं और आज ये बात सामने आ गई है।”

गहलोत ने भाजपा और आरएसएस पर आरोप लगाया था कि वे संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों पर दबाव बनाते हैं। उन्होंने कहा था कि धनखड़ का इस्तीफा इसी दबाव का परिणाम है। साथ ही, उन्होंने धनखड़ के एक पुराने बयान का हवाला देते हुए कहा था कि “कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर है।”

राजस्थान की सियासत में हलचल

धनखड़ के अचानक इस्तीफे और अब उनकी पहली झलक ने राजस्थान की राजनीति में नई चर्चा को जन्म दे दिया है। कांग्रेस नेता गहलोत ने इसे हल्के अंदाज में भले ही पेश किया हो, लेकिन यह साफ है कि कांग्रेस इसे भाजपा पर निशाना साधने के लिए इस्तेमाल कर रही है।

धनखड़ का राजस्थान से गहरा नाता रहा है। वे झुंझुनूं जिले के किठाना गांव के निवासी हैं और लंबे समय से प्रदेश की राजनीति और राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय रहे हैं। यही कारण है कि उनके इस्तीफे और फिर गायब रहने से लेकर अब सामने आने तक के घटनाक्रम पर राजस्थान की सियासत में विशेष रुचि ली जा रही है।

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