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JLF 2026: स्पीकर्स की दूसरी सूची जारी, नोबेल विजेता एस्तेर डुफलो और लियो वराडकर होंगे शामिल

JLF 2026: स्पीकर्स की दूसरी सूची जारी, नोबेल विजेता एस्तेर डुफलो और लियो वराडकर होंगे शामिल

मनीषा शर्मा। दुनियाभर में साहित्य, विचार और संवाद का सबसे बड़ा मंच माने जाने वाला जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF) अपने 19वें संस्करण (2026) की तैयारियों में जुट गया है। फेस्टिवल की दूसरी स्पीकर्स सूची जारी कर दी गई है, जिसमें दुनिया के कुछ सबसे प्रतिष्ठित लेखक, विचारक, कलाकार और अर्थशास्त्री शामिल हैं। यह प्रतिष्ठित आयोजन 15 से 19 जनवरी 2026 तक होटल क्लार्क्स आमेर, जयपुर में आयोजित किया जाएगा। हर वर्ष की तरह, यह आयोजन न केवल साहित्य प्रेमियों के लिए बल्कि दुनिया भर के बौद्धिक और सांस्कृतिक संवाद का केंद्र बनने वाला है।

फेस्टिवल में शामिल होंगे विश्व के दिग्गज वक्ता

नई स्पीकर्स सूची में विज्ञान, अर्थशास्त्र, राजनीति, इतिहास, कला और साहित्य जैसे क्षेत्रों से जुड़ी कई मशहूर हस्तियों के नाम शामिल किए गए हैं। मुख्य वक्ताओं में शामिल हैं:

  • अर्चना शर्मा, वरिष्ठ भौतिक विज्ञानी

  • अरविंद सुब्रमण्यन, भारत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार

  • एस्तेर डुफलो, नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री

  • तान्या तलागा, पुरस्कृत पत्रकार

  • लियो वराडकर, आयरलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री

  • डेबरा डायमंड, प्रसिद्ध कला इतिहासकार

  • इयान हिसलोप, व्यंग्यकार और संपादक

  • जीत थायिल, कवि और उपन्यासकार

  • किरण देसाई, बुकर पुरस्कार विजेता लेखिका

  • एलिस ओसवाल्ड, पुरस्कार विजेता प्रकृति कवि

इनके अलावा कई अन्य प्रतिष्ठित भारतीय और अंतरराष्ट्रीय लेखक भी जयपुर के मंच को साझा करेंगे।

ये स्पीकर भी होंगे शामिल

दूसरी सूची में कई जाने-माने नाम शामिल हैं जो विविध विषयों पर अपने विचार साझा करेंगे:

  • अश्विन सांघी, लोकप्रिय थ्रिलर लेखक

  • नारायणी बसु, इतिहासकार और लेखिका

  • ऋजुता दिवेकर, मशहूर न्यूट्रिशन एक्सपर्ट

  • स्टीफन अल्टर, पर्यावरणविद और लेखक

  • वोल्गा, प्रसिद्ध तेलुगु लेखिका

  • एंड्रयू ग्राहम-डिक्सन, ब्रिटिश आर्ट क्रिटिक

  • कुंजांग चोडेन रोडर, भूटान की लेखिका

  • तारिणी मोहन, सामाजिक मुद्दों पर लेखिका

  • विलियम सीघार्ट, कवि और विचारक

इन सभी वक्ताओं का समागम जेएलएफ को एक वैश्विक संवाद मंच के रूप में और भी सशक्त बनाएगा।

सह निदेशकों और आयोजकों की प्रतिक्रियाएं

जेएलएफ की सह-निदेशक नमिता गोखले ने कहा – “दुनिया का सबसे बड़ा साहित्यिक उत्सव एक बार फिर जयपुर लौट रहा है। यह विचारों और संवादों का ऐसा मंच है जहां विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों का अद्भुत संगम होता है।” वहीं सह निदेशक विलियम डेलरिम्पल ने कहा – “2026 की सूची अब तक की सबसे खास है। इसमें दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित लेखक, विचारक और व्यंग्यकार शामिल हैं। यह संस्करण श्रोताओं के लिए एक यादगार अनुभव होगा।”

टीमवर्क आर्ट्स के प्रबंध निदेशक संजॉय के रॉय ने कहा – “जेएलएफ सिर्फ एक फेस्टिवल नहीं, बल्कि विविधता, रचनात्मकता और कहानियों की शक्ति का उत्सव है। यह सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बनता जा रहा है।” वहीं वेदांता रिसोर्सेज की निदेशक प्रिया अग्रवाल ने कहा – “हम मानते हैं कि रचनात्मकता और संवाद मिलकर एक बेहतर, अधिक सहिष्णु दुनिया का निर्माण करते हैं। हमें इस मंच का हिस्सा बनने पर गर्व है।”

फेस्टिवल में इस बार यह रहेगा खास

हर साल की तरह 2026 में भी जेएलएफ साहित्यिक चर्चाओं के साथ-साथ सांस्कृतिक और कलात्मक प्रस्तुतियों का संगम लेकर आएगा।

1. हेरिटेज संध्याएं

जयपुर के ऐतिहासिक स्थलों पर संगीत, कविता और संस्कृति का संगम होगा। स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय कलाकार मिलकर राजस्थानी परंपरा को आधुनिक रूप में प्रस्तुत करेंगे।

2. जयपुर म्यूजिक स्टेज

फेस्टिवल में “जयपुर म्यूजिक स्टेज” के तहत भारतीय और विदेशी कलाकारों की लाइव परफॉर्मेंस आयोजित की जाएगी। यह मंच संगीत, लिरिक्स और रिद्म का जश्न मनाएगा।

3. जयपुर बुकमार्क (JBM)

प्रकाशन उद्योग से जुड़े लोगों के लिए यह विशेष मंच नेटवर्किंग और सहयोग के अवसर प्रदान करेगा। जेबीएम (JBM) भारत में पब्लिशिंग इंडस्ट्री के भविष्य को दिशा देने वाला प्लेटफॉर्म बन चुका है।

JLF : भारत का सांस्कृतिक ब्रांड

2006 में शुरू हुआ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल आज दुनिया के सबसे बड़े साहित्यिक आयोजनों में से एक है। हर साल यह फेस्टिवल हजारों लेखकों, विचारकों, कलाकारों और पाठकों को एक मंच पर लाता है। यह सिर्फ एक साहित्यिक सम्मेलन नहीं, बल्कि एक वैचारिक आंदोलन बन चुका है, जो संवाद, विविधता और समावेशिता को बढ़ावा देता है। इसके मंच से अब तक सलमान रुश्दी, मार्गरेट एटवुड, पॉल बीटी, अमिताव घोष, और चिमामांडा न्गोजी आदिची जैसे नाम जुड़ चुके हैं।

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2026 एक बार फिर साबित करेगा कि भारत केवल साहित्य का संरक्षक ही नहीं, बल्कि विश्व साहित्य का केंद्र बन चुका है। नोबेल पुरस्कार विजेताओं से लेकर नवोदित लेखकों तक, हर आवाज यहां सुनी जाएगी, हर विचार का स्वागत होगा।

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