मनीषा शर्मा। कोटा में लगातार दो दिन से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं और कई जगहों पर संपर्क मार्ग पूरी तरह से कट गए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए SDRF, NDRF और सेना की टीमों ने मोर्चा संभाल रखा है। प्रशासन ने शुक्रवार को जिलेभर के स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी, वहीं कोटा यूनिवर्सिटी ने भी परीक्षाएं स्थगित कर दीं।
नदियां और नाले उफान पर
तेज बारिश के चलते खाड़ी, नदी और नाले उफान पर आ गए हैं। कोटा शहर का जिला मुख्यालय कई ग्रामीण इलाकों से कट गया है। सुल्तानपुर और आसपास के क्षेत्रों से संपर्क टूट गया है। दीगोद कस्बे का मुख्य बाजार पानी में डूब गया है, वहीं निमोदा और दीगोद में SDRF, NDRF और सेना के जवान लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे बंद
लगातार बारिश से खाड़ी का पानी 8 लाइन पर ऊपर आ गया, जिसके चलते दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को कराड़िया के पास बंद कर दिया गया। कोटा से दिल्ली की ओर जाने वाली सड़क पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। वहीं मारवाड़ा चौकी नाले में मुख्य सड़क पर करीब 4 फीट पानी भर गया है, जिससे आवाजाही रुक गई है। सुल्तानपुर-भौरा रोड पर भी कई जगह नाले उफान पर हैं, जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क कट गया है।
कोटा बैराज से पानी डिस्चार्ज
भारी बारिश के कारण चंबल नदी के बांधों में लगातार पानी की आवक बनी हुई है। इसी वजह से कोटा बैराज के दो गेट खोलकर 14,718 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पिछले 24 घंटों में कोटा में 127.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। इस मानसून सीजन में अब तक 1096.6 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड हो चुकी है, जो सामान्य औसत से कहीं अधिक है।
मौसम में ठंडक
लगातार बारिश से तापमान में भारी गिरावट आई है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में महज 1 डिग्री का अंतर रहने से मौसम में ठंडक महसूस की जा रही है। बारिश से लोगों को उमस और गर्मी से राहत मिली है, हालांकि जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति ने जनजीवन को कठिन बना दिया है।
क्यों हुई इतनी तेज बारिश?
मौसम विभाग ने बताया कि पिछले दो सप्ताह से मानसून निष्क्रिय (Inactive Mode) स्थिति में था। लेकिन अचानक मानसून ट्रफ अपनी सामान्य पोजिशन पर लौट आया, जिससे यह पुनः एक्टिव हो गया। साथ ही, मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव हुआ, जो स्थिर (Stable) हो गया और आगे नहीं बढ़ा। इस वजह से कोटा और दक्षिणी राजस्थान में लगातार भारी वर्षा देखने को मिली। मौसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार, जब तक यह सिस्टम सक्रिय रहेगा, तब तक दक्षिण राजस्थान में भारी बारिश की संभावना बनी रहेगी।
प्रशासन और बचाव दल अलर्ट पर
लगातार बारिश और बाढ़ जैसे हालातों को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। SDRF और NDRF की टीमें संवेदनशील इलाकों में तैनात हैं, जबकि सेना के जवान भी ग्रामीण क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटे हुए हैं।
कोटा शहर के साथ-साथ आसपास के कस्बों और गांवों में भी पानी भर जाने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई स्थानों पर घरों में पानी घुस गया है और बिजली सप्लाई प्रभावित हुई है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है।


