शोभना शर्मा। वीडियो वायरल होते ही मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंच गया। राज्य कार्मिक विभाग ने संज्ञान लेते हुए SDM छोटूलाल शर्मा को निलंबित करने का आदेश जारी किया। लेकिन इस पूरे विवाद पर अब खुद SDM शर्मा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, “मैं भीलवाड़ा के जसवंतपुरा स्थित एक पेट्रोल पंप पर सीएनजी भरवाने गया था। मेरी गाड़ी लाइन में आगे थी, लेकिन कर्मचारियों ने मेरी गाड़ी छोड़कर पीछे खड़ी गाड़ी में ईंधन भरना शुरू कर दिया। मैंने सिर्फ इतना कहा कि मैं बड़ा अधिकारी हूं, नियम जानता हूं, पहले मेरा सीएनजी भरिए। पर उन्होंने मेरे बच्चों को साइड कर पीछे की गाड़ी में सीएनजी भरी।” उन्होंने आगे कहा, “इसी बीच मेरी पत्नी ने शिकायत की कि पंप मैनेजर ने उन्हें आंख मारी। बताइए, कौन-सा पति अपनी मौजूदगी में ऐसी बदतमीजी बर्दाश्त करेगा?”
“ईमानदार अफसर को खलनायक बना दिया गया”
SDM शर्मा ने सोशल मीडिया को अपनी बदनामी का जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया पर आधा वीडियो चलाकर मुझे खलनायक बना दिया गया। आज के समय में सोशल मीडिया अच्छा इंसान भी बुरा बना देता है। असल सच्चाई यह है कि मैं हमेशा नियमों का पालन करने वाला अधिकारी हूं। मेरे जैसा ईमानदार अफसर पूरे राजस्थान में मिलना मुश्किल है।” उन्होंने सीसीटीवी फुटेज पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यह वीडियो एडिट कर वायरल किया गया है ताकि उन्हें बदनाम किया जा सके। शर्मा ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और कहा कि उन्हें राजस्थान पुलिस पर पूरा भरोसा है।
सरकार सख्त, जांच के आदेश
राज्य सरकार ने SDM के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। भीलवाड़ा के जिला कलक्टर को मामले की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, पंप मालिक और कर्मचारियों की भी भूमिका की जांच की जा रही है कि उन्होंने किसी प्रकार की अभद्रता की थी या नहीं। इस बीच प्रशासन ने स्पष्ट किया कि सरकारी अफसरों से अपेक्षा की जाती है कि वे सार्वजनिक स्थलों पर संयम और मर्यादा बनाए रखें। सरकार की मंशा है कि किसी भी अधिकारी की ऐसी हरकत से आमजन का विश्वास प्रशासन से न उठे।
घटना पर जनता की प्रतिक्रिया
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया है और इस पर जनमानस दो हिस्सों में बंट गया है। कुछ लोग जहां अफसर की कार्रवाई को “अहंकारपूर्ण व्यवहार” बता रहे हैं, वहीं कुछ लोगों का कहना है कि “अगर वास्तव में पंप कर्मचारियों ने अभद्रता की है, तो यह भी निंदनीय है।” भीलवाड़ा प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी साझा न करें और जांच रिपोर्ट आने तक किसी निष्कर्ष पर न पहुंचे।


