मनीषा शर्मा। जयपुर में एक रेंटल कंपनी से चोरी हुई स्कॉर्पियो को मालिक और बिजनेसमैन ने खुद 820 किलोमीटर तक पीछा कर ढूंढ निकाला। गाड़ी भीलवाड़ा के आसींद में मिली, जिसे मादक पदार्थ तस्कर को बेच दिया गया था। स्कॉर्पियो के मालिक और उसके साथी तस्कर को पकड़कर जयपुर ले आए और पुलिस को सौंप दिया। इस मामले में पुलिस ने 2 और बदमाशों को गिरफ्तार किया।
कैसे हुई स्कॉर्पियो की चोरी?
जयपुर में रेंटल कार का बिजनेस करने वाले कुलदीप सिंह राठौड़ ने बताया कि 16 मार्च को एक व्यक्ति ने स्कॉर्पियो-एन किराए पर लेने के लिए संपर्क किया। उसने फोटो भेजने के लिए कहा, फिर हरेंद्र सिंह नामक व्यक्ति ने फोन कर गाड़ी किराए पर लेने की जिद की। आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस देकर विश्वास में लिया और 6,000 रुपये में 24 घंटे के लिए गाड़ी किराए पर ली।
शातिर तरीके से चोरी की गई स्कॉर्पियो
गाड़ी लेने के कुछ घंटों बाद हरेंद्र सिंह ने फोन कर बताया कि उसका दोस्त गाड़ी लेकर चला गया और लोकेशन नहीं मिल रही। उसने गाड़ी की लोकेशन देखने के लिए जीपीएस एक्सेस मांगी, जिसे कुलदीप ने पहले 1 घंटे और बाद में 8 घंटे के लिए दे दिया। रात 11:23 बजे जीपीएस बंद हो गया और लास्ट लोकेशन नागौर के पास बुटाटी धाम में मिली।
मालिक ने खुद गाड़ी खोजने का फैसला किया
कुलदीप ने हरेंद्र से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उसने फोन उठाना बंद कर दिया। इसके बाद कुलदीप अपने पार्टनर मुकेश और गाड़ी के मालिक राकेश के साथ गाड़ी ढूंढने निकले। उन्होंने बोलेरो से 820 किलोमीटर का सफर तय किया और स्कॉर्पियो की लोकेशन भीलवाड़ा के आसींद में एक होटल के बाहर मिली।
तस्कर से हुई हाथापाई, गाड़ी बरामद
सुबह 5 बजे कुलदीप और उसके साथी होटल पहुंचे, जहां उन्होंने स्कॉर्पियो को देखा। गाड़ी की नंबर प्लेट हटा दी गई थी। जैसे ही वे गाड़ी के पास पहुंचे, होटल के बाथरूम में छिपे बदमाश ने शोर मचा दिया और भागने की कोशिश की। स्कॉर्पियो में पीछे बैठा बदमाश गाड़ी स्टार्ट करने लगा, लेकिन कुलदीप ने चाबी निकाल ली। हाथापाई के बाद कुलदीप और उसके साथियों ने तस्कर को पकड़ लिया, जबकि उसका साथी भागने में सफल रहा।
तस्कर ने 5 लाख देकर छोड़ने की कोशिश की
गाड़ी चेक करने पर उसमें करीब 250-250 ग्राम के 30-40 पैकेट ड्रग्स मिले। तस्कर श्रवण विश्नोई ने बताया कि उसने 5 लाख में स्कॉर्पियो खरीदी थी। उसने 5 लाख रुपये देकर खुद को छुड़ाने की पेशकश की, लेकिन कुलदीप उसे गाड़ी सहित जयपुर लेकर आए और पुलिस को सौंप दिया।
CCTV से पुलिस को मिली जानकारी, दूसरा बदमाश भी पकड़ा गया
इस घटना के बाद तस्कर श्रवण का साथी प्रकाश भीलवाड़ा के आसींद थाने पहुंचा और दोस्त के किडनैप होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने होटल के CCTV फुटेज से जानकारी जुटाई और जयपुर पुलिस से संपर्क किया। इसके बाद प्रकाश को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
मुख्य आरोपी हरेंद्र सिंह भी पुलिस के शिकंजे में
पुलिस ने हरेंद्र सिंह को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। कुलदीप ने हरेंद्र से स्कॉर्पियो वापस लाने में लगे खर्च के पैसे मांगने के बहाने संपर्क किया। हरेंद्र बोलेरो खरीदने जा रहा था, जिसका सुराग कुलदीप ने शोरूम कर्मचारियों से लिया। पुलिस की मदद से शोरूम पहुंचकर हरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया।
बदमाशों का तरीका: पहले सौदा करते, फिर गाड़ी लूट लेते
SHO बलवीर सिंह के अनुसार, हरेंद्र सिंह और उसका गिरोह पहले तस्करों को वाहन बेचने का सौदा करते, फिर चोरी की गाड़ी बताकर उसे वापस हथिया लेते। तस्कर पुलिस से शिकायत करने की हिम्मत नहीं करते, जिससे उनका धंधा चलता रहता था।
पुलिस ने लिया एक्शन, 25 मार्च तक रिमांड पर आरोपी
डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि आरोपी श्रवण कुमार नागौर का रहने वाला है और डोडा-चूरा तस्करी में शामिल है। वहीं, हरेंद्र सिंह कार रेंटल का बिजनेस करता है, लेकिन धोखाधड़ी और चोरी भी करता था। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया और 25 मार्च तक रिमांड पर लिया गया है।