शोभना शर्मा। कोटा के दिल्लीपुरा गांव की सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल में शनिवार दोपहर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर अचानक निरीक्षण के लिए पहुंचे। जैसे ही उन्होंने स्कूल परिसर का दौरा किया, वहां की जर्जर और टूटी-फूटी दीवारों को देखकर वे गुस्से में आ गए। मंत्री ने मौके पर ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई और निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
घटिया निर्माण देखकर मंत्री भड़क उठे
मंत्री नागर दोपहर करीब दो बजे स्कूल परिसर पहुंचे। जैसे ही उन्होंने नए बने छह कमरों और बरामदे को देखा, वे स्तब्ध रह गए। कमरों का फर्श जगह-जगह से उखड़ा हुआ था, दीवारों में बड़ी दरारें थीं, और छतों की प्लास्टरिंग भी टूट चुकी थी। मंत्री ने जब टाइलों को उखड़वाकर देखा तो उनके नीचे गड्ढे मिले और मिट्टी पर ही टाइलें बिछाई गई थीं। इस पर नाराज होते हुए मंत्री ने कहा, “यह काम जनता के पैसों से हुआ है और इस तरह की लापरवाही शिक्षा के साथ खिलवाड़ है। ऐसे ठेकेदारों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।”
चार साल पहले हुआ था निर्माण, छह महीने में शुरू हो गया जर्जर होना
दिल्लीपुरा गांव की इस सरकारी स्कूल में चार साल पहले छह नए कमरे और एक बरामदा बनाया गया था। यह निर्माण कार्य हाजी इंटरप्राइजेज फर्म द्वारा कराया गया था। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, निर्माण पूरा होने के सिर्फ छह महीने बाद ही दीवारों में दरारें आने लगीं। फर्श की टाइलें उखड़ने लगीं और बरामदे में पानी भरने लगा। कमजोर नींव और घटिया सामग्री के उपयोग की वजह से यह बिल्डिंग धीरे-धीरे पूरी तरह खराब हो गई। ग्रामीणों ने अपने बच्चों को इन कमरों में बैठाकर पढ़ाने से साफ इनकार कर दिया।
मंत्री ने दी सख्त चेतावनी: शिक्षा के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं
मंत्री नागर ने निरीक्षण के दौरान कहा कि स्कूल भवन की यह स्थिति सीधी लापरवाही और भ्रष्टाचार का नतीजा है। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि जब निर्माण के दौरान इतनी खराब क्वालिटी का काम हुआ, तो निरीक्षण और निगरानी करने वाले अधिकारी चुप क्यों रहे? मंत्री ने कहा, “अगर इस स्तर की लापरवाही शिक्षा जैसी बुनियादी सेवा में हो रही है, तो यह बहुत गंभीर बात है। ऐसे अधिकारियों और ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।” उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि इस निर्माण कार्य में शामिल हाजी इंटरप्राइजेज फर्म को ब्लैकलिस्ट किया जाए और जो भी भुगतान किया गया है, उसकी पूरी वसूली की जाए।
मौके पर ही अधिकारियों को लगाई फटकार
निरीक्षण के समय शिक्षा विभाग के अधिकारी और स्थानीय प्रशासनिक कर्मचारी मौजूद थे। मंत्री ने सभी को फटकारते हुए पूछा कि बिल्डिंग के निर्माण की मॉनिटरिंग किसने की थी। अधिकारी जब संतोषजनक जवाब नहीं दे सके, तो मंत्री ने मौके पर ही उपस्थिति दर्ज कराई और रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूल भवन की तकनीकी जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर इंजीनियरों व ठेकेदारों पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
सीएम को भेजी जाएगी रिपोर्ट
ऊर्जा मंत्री नागर ने मौके से ही वरिष्ठ अधिकारियों और शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को फोन किया। उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जानकारी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनता के टैक्स के पैसों से किए गए निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी। मंत्री ने आगे कहा कि अब हर जिले में सरकारी भवनों के निर्माण की नियमित जांच की जाएगी ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
ग्रामीणों ने जताया आक्रोश
दिल्लीपुरा गांव के ग्रामीणों ने भी मंत्री के निरीक्षण के बाद अपनी नाराजगी जाहिर की। ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल भवन की खस्ता हालत के कारण उनके बच्चे पिछले तीन साल से पुराने कमरों में ही पढ़ाई करने को मजबूर हैं। एक ग्रामीण ने कहा, “हमने कई बार अधिकारियों को शिकायत दी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। मंत्री जी के आने के बाद उम्मीद जगी है कि अब कार्रवाई होगी।”
भ्रष्टाचार पर सरकार का सख्त रुख
राजस्थान सरकार हाल के महीनों में जन उपयोगी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष निगरानी रख रही है। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर की इस कार्रवाई को इसी दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जनता के टैक्स से बने संस्थान सुरक्षित, टिकाऊ और उपयोगी हों।


