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बाड़मेर में सतीश पूनिया का बयान: छात्रसंघ चुनाव पर सफाई, कांग्रेस की अंदरूनी फूट पर हमला

बाड़मेर में सतीश पूनिया का बयान: छात्रसंघ चुनाव पर सफाई, कांग्रेस की अंदरूनी फूट पर हमला

शोभना शर्मा।  राजस्थान की राजनीति में छात्रसंघ चुनाव, कांग्रेस की अंदरूनी कलह और भाजपा की सक्रियता लगातार चर्चा में है। इसी क्रम में रविवार को राजस्थान के पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और वर्तमान में हरियाणा प्रदेश प्रभारी सतीश पूनिया बाड़मेर पहुंचे। वे यहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) द्वारा आयोजित वीर बाला काली बाई भील प्रतिभा सम्मान समारोह में शामिल हुए। समारोह के दौरान पूनिया ने छात्रों को संबोधित किया और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सम्मानित किया। इसके साथ ही उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए छात्रसंघ चुनाव, कांग्रेस की स्थिति और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयानों पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

छात्रसंघ चुनाव को लेकर सफाई

राजस्थान में लंबे समय से छात्रसंघ चुनाव न होने का मुद्दा गरमाया हुआ है। इस पर सतीश पूनिया ने कहा कि नई शिक्षा नीति और प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव के कारण चुनाव में देरी हुई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की मंशा ठीक है और जैसे ही नया सत्र नियमित होगा, छात्रसंघ चुनाव कराए जाएंगे। पूनिया के इस बयान से यह संदेश देने की कोशिश हुई कि भाजपा सरकार छात्र राजनीति को लेकर गंभीर है और देरी प्रशासनिक व शैक्षिक कारणों से हुई है, न कि किसी राजनीतिक दबाव के चलते।

कांग्रेस की अंदरूनी फूट पर हमला

मीडिया से बातचीत में पूनिया ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में आपसी फूट गहराती जा रही है। पूर्व विधायक मेवाराम जैन की कांग्रेस में वापसी को उन्होंने पार्टी का आंतरिक मसला बताया, लेकिन यह जरूर कहा कि इस घटनाक्रम से कांग्रेस का असली चरित्र सामने आ गया है। उनका कहना था कि कांग्रेस आज ऐसी स्थिति में है जहां भीतरखाने की कलह बाहर आने लगी है और जनता के सामने उसकी एकजुटता का दावा झूठा साबित हो रहा है।

‘गहलोत बेहद चतुर हैं’ – पूनिया

राजस्थान की राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हमेशा से रणनीतिक नेता माने जाते हैं। मानेसर मामले में क्लीन चिट मिलने के बाद गहलोत ने जो बयान दिया, उस पर भी पूनिया ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि गहलोत बेहद चतुर नेता हैं और वे इस मुद्दे को खत्म नहीं होने देना चाहते। पूनिया का मानना है कि कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में मानेसर प्रकरण का अभी भी बड़ा असर है और गहलोत पर्दे के पीछे इसे लेकर खेल कर रहे हैं। भाजपा नेता के इस बयान से साफ है कि भाजपा कांग्रेस के अंदरूनी विवादों को भुनाने की कोशिश कर रही है, ताकि संगठनात्मक स्तर पर कांग्रेस कमजोर साबित हो सके।

विद्यार्थियों को किया सम्मानित

ABVP द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सतीश पूनिया ने प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को मंच पर सम्मानित किया। इस सम्मान समारोह का मकसद था कि समाज में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को प्रोत्साहित किया जा सके और उन्हें नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए प्रेरित किया जाए। समारोह के दौरान पूनिया ने विद्यार्थियों को देश की रीढ़ बताते हुए कहा कि शिक्षा और राष्ट्रवाद का संगम ही देश को प्रगति की राह पर आगे बढ़ा सकता है।

पौधारोपण और कार्यकर्ताओं से मुलाकात

बाड़मेर प्रवास के दौरान पूनिया ने सिर्फ राजनीतिक मुद्दों पर ही बात नहीं की, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय संदेश भी दिया। उन्होंने बाड़मेर जिला अस्पताल परिसर में पौधारोपण किया। इसके जरिए उन्होंने स्वच्छ और हरित पर्यावरण का संदेश देने की कोशिश की। इसके बाद पूनिया का कार्यक्रम सर्किट हाउस में भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात का रहा। यहां उन्होंने स्थानीय कार्यकर्ताओं से संगठन की मजबूती और आगामी चुनावी रणनीतियों पर चर्चा की। देर शाम वे ट्रेन से जयपुर रवाना हो गए।

राजनीतिक मायने

सतीश पूनिया का बाड़मेर दौरा केवल एक सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसके जरिए उन्होंने कई राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की।

  1. छात्रसंघ चुनाव पर सफाई देकर सरकार की मंशा को साफ किया।

  2. कांग्रेस की अंदरूनी फूट को उजागर कर विपक्ष पर हमला बोला।

  3. गहलोत को चतुर करार देकर यह संकेत दिया कि भाजपा कांग्रेस के आंतरिक मामलों पर पैनी नजर रखे हुए है।

इससे साफ है कि पूनिया का यह दौरा भाजपा के लिए संगठनात्मक मजबूती और कांग्रेस पर राजनीतिक प्रहार, दोनों ही दृष्टियों से अहम रहा।

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