शोभना शर्मा। राजस्थान के सलूंबर विधानसभा उपचुनाव की सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। भाजपा, कांग्रेस और भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल करने के साथ ही मैदान में अपनी ताकत झोंक दी है। बांसवाड़ा-डूंगरपुर के सांसद और भारत आदिवासी पार्टी के नेता राजकुमार रोत ने इस चुनाव में भाजपा के सहानुभूति कार्ड को सीधे तौर पर चुनौती दी है। उन्होंने साफ किया है कि सलूंबर में उनकी पार्टी का मुकाबला किसी से नहीं है, और जनता इस बार विकास के एजेंडे पर मतदान करेगी।
भारत आदिवासी पार्टी (BAP) का नामांकन और सियासी हुंकार
बुधवार को भारत आदिवासी पार्टी के उम्मीदवार जितेश कटारा ने हजारों समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल किया। यह नामांकन रैली आरटीओ कार्यालय बाईपास से शुरू होकर उपखंड कार्यालय तक पहुंची, जहां पार्टी समर्थकों ने ढोल-नगाड़ों की गूंज और नारों की गूंज के साथ उत्साह दिखाया। रैली में मौजूद कार्यकर्ता जितेश कटारा को कंधों पर उठाए हुए थे, जो इस चुनावी लड़ाई के प्रति उनके समर्पण और उत्साह को दर्शाता है।नामांकन दाखिल करने के बाद सांसद राजकुमार रोत ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हमारी पार्टी, भारत आदिवासी पार्टी (BAP), बहुत कम समय में तेजी से बढ़ी है। यहां की जनता ने हमारी नीतियों और काम को पहचाना है। अब हमारी पार्टी का प्रमुख उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकार की योजनाएं धरातल पर लागू हों। जितेश कटारा को चुनकर विधानसभा में भेजना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।”
उन्होंने भाजपा के सहानुभूति कार्ड पर भी प्रहार करते हुए कहा, “भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा के निधन के बाद भाजपा सहानुभूति कार्ड खेल रही है। लेकिन जनता अब काम करने वाले को ही चुनेगी। हमें उनके निधन का दुख है, लेकिन इस चुनाव में यह मुद्दा नहीं बनेगा।”
जितेश कटारा का जनता के प्रति वादा
BAP के उम्मीदवार जितेश कटारा ने अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा, “मैं दिन-रात जनता के साथ खड़ा रहूंगा। जनता के सुख-दुख में हमेशा साथ रहूंगा। इसके अलावा, मैं इस बात का भी समर्थन करूंगा कि सलूंबर जिला खत्म न किया जाए। यह क्षेत्र का अहम मुद्दा है, और मैं इसे सशक्त रूप से उठाऊंगा।”भाजपा के उम्मीदवार शांता मीणा और कांग्रेस की रेशमा मीणा का नामांकन
इसी बीच भाजपा से शांता देवी मीणा और उनके बेटे अविनाश मीणा ने भी नामांकन भरा। हालांकि, ये अधिकृत रूप से 25 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करेंगे। भाजपा की ओर से नामांकन दाखिल करने के दौरान बड़ी रैली की योजना बनाई गई है, जिसमें मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ समेत कई बड़े नेता शिरकत करेंगे।भाजपा देहात जिलाध्यक्ष डॉ. चंद्रगुप्त सिंह चौहान ने बताया कि नामांकन रैली में प्रभारी मंत्री डॉ. हेमंत मीणा, जनजाति मंत्री बाबू लाल खराड़ी, सांसद डॉ. मन्नालाल रावत, विधायक श्रीचंद कृपलानी, और उदय लाल डांगी जैसे कई प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे। भाजपा इस नामांकन रैली को चुनावी ताकत दिखाने का एक बड़ा अवसर मान रही है।
कांग्रेस की तैयारी और नामांकन रैली
कांग्रेस के प्रत्याशी रेशमा मीणा भी 25 अक्टूबर को ही अपना नामांकन दाखिल करेंगी। कांग्रेस की रैली के दौरान कई बड़े नेता उपस्थित रहेंगे, जिसमें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं राजस्थान सह प्रभारी ऋत्विक मकवाना, उपचुनाव के वरिष्ठ पर्यवेक्षक और पूर्व मंत्री अशोक चांदना, पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा, और पीसीसी द्वारा नियुक्त उपचुनाव प्रभारी पूर्व मंत्री अर्जुन सिंह बामणिया शामिल होंगे।उदयपुर देहात जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष कचरू लाल चौधरी ने बताया कि नामांकन रैली सुबह 11 बजे ब्लॉक कांग्रेस कार्यालय से निकलेगी और नामांकन के लिए रवाना होगी। कांग्रेस की यह रैली पार्टी के संगठनात्मक एकता और शक्ति को दर्शाने का प्रयास करेगी।
सलूंबर उपचुनाव की सियासी तस्वीर
सलूंबर विधानसभा उपचुनाव में तीन प्रमुख दलों के बीच कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है। भाजपा, कांग्रेस और BAP ने अपने-अपने उम्मीदवारों के साथ प्रचार अभियान तेज कर दिया है। भाजपा जहां सहानुभूति कार्ड खेल रही है, वहीं BAP और कांग्रेस इस मुद्दे को किनारे कर विकास और जनकल्याण के मुद्दों पर जोर दे रहे हैं।BAP का इस चुनाव में प्रदर्शन पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पार्टी की ग्रोथ को मजबूत करने का एक मौका है। दूसरी ओर, कांग्रेस और भाजपा के लिए यह उपचुनाव राजस्थान की राजनीतिक धारा को समझने का एक मौका है।