मनीषा शर्मा। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला सरकार के मुंह पर तमाचा है। पायलट रविवार को टोंक जिले के छान कस्बे पहुंचे थे, जहां उन्होंने मीडिया से बातचीत में SI भर्ती परीक्षा रद्द होने के मामले पर प्रतिक्रिया दी।
पायलट ने कहा कि जिस अभ्यर्थी ने मेहनत करके ईमानदारी से परीक्षा दी है, उसके साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। लेकिन जब कोर्ट ने आदेश दे दिया है, तो अब कुछ कहने-सुनने को शेष नहीं है। उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि पौने दो साल तक सरकार आखिर कर क्या रही थी?
RPSC में सुधार की जरूरत, UPSC की तर्ज पर हो पुनर्गठन
सचिन पायलट ने RPSC की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आयोग की कमियों का जिक्र उन्होंने पहले भी अपनी यात्राओं के दौरान किया था। उनके मुताबिक, इंटरव्यू की प्रक्रिया तक में भ्रष्टाचार फैला हुआ है।
उन्होंने कहा, “RPSC के बारे में मैं शुरू से कहता आया हूं कि यहां बार-बार पेपर लीक हो रहे हैं। अब कोर्ट का जजमेंट इस बात का प्रमाण है। RPSC का पूरी तरह से UPSC की तर्ज पर पुनर्गठन होना चाहिए।”
पायलट ने मंत्री जोगाराम पटेल के उस बयान पर भी कटाक्ष किया, जिसमें पटेल ने कहा था कि SI भर्ती रद्द नहीं हुई है। पायलट ने साफ कहा कि कोर्ट के आदेश में स्पष्ट लिखा है कि भर्ती रद्द की गई है, ऐसे में मंत्री का बयान भ्रामक है।
नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए
पायलट ने कहा कि यह केवल एक भर्ती या एक परीक्षा का मामला नहीं है, बल्कि पूरे सिस्टम की खामियों का नतीजा है। अगर इस पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो भविष्य में भी ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। उन्होंने दोहराया कि नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ करने का अधिकार न किसी अधिकारी को है और न ही किसी अन्य को।
वोट चोरी पर भी साधा निशाना
सचिन पायलट ने मीडिया से बातचीत में वोट चोरी के मुद्दे पर भी भाजपा और चुनाव आयोग को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि देश के लोगों के मन में यह संदेह बढ़ रहा है कि उनका वोट चोरी हो रहा है।
उन्होंने राहुल गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि राहुल ने कर्नाटक की एक लोकसभा सीट पर लाखों वोट चोरी होने का प्रमाण दिया। इसके बावजूद चुनाव आयोग कोई ठोस जवाब नहीं दे रहा है। पायलट के अनुसार, यह लोकतंत्र में स्वस्थ परंपरा नहीं है और यह लोगों के अधिकारों से खिलवाड़ है।
उन्होंने कहा कि बिहार में इस मुद्दे पर कांग्रेस को जनता का व्यापक समर्थन मिल रहा है और आगामी चुनावों में वहां पार्टी प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगी।
भाषा पर संयम जरूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के बारे में कांग्रेस के एक नेता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए पायलट ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को भाषा और शब्दों पर नियंत्रण रखना चाहिए। राजनीतिक विमर्श में संतुलित और मर्यादित भाषा का इस्तेमाल करना ही उचित है।
हाईकोर्ट का आदेश क्या कहता है?
राजस्थान हाईकोर्ट ने 28 अगस्त 2025 को SI भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द कर दिया था। यह भर्ती 859 पदों के लिए आयोजित की गई थी। जांच में सामने आया कि पेपर लीक में कई ट्रेनी एसआई शामिल थे और पूरा पेपर राज्यभर में फैला।
जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने 202 पेज के आदेश में कहा कि इस भर्ती को आगे जारी नहीं रखा जा सकता। कोर्ट ने निर्देश दिया कि 2025 की नई भर्ती में 2021 की भर्ती के पदों को भी जोड़ा जाए और उस परीक्षा में 2021 के सभी अभ्यर्थियों को शामिल किया जाए।
जांच में यह भी सामने आया कि पेपर लीक में RPSC के 6 सदस्यों की भूमिका थी। ब्लूटूथ गैंग तक यह पेपर पहुंच गया था, जिसके कारण भर्ती की पारदर्शिता पूरी तरह प्रभावित हुई।