मनीषा शर्मा । कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट को निराशाजनक करार दिया है। पायलट ने बजट को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि बजट में राजस्थान की जनता के हितों की अनदेखी की गई है। उन्होंने बजट की सबसे बड़ी अच्छाई बताई जा रही रोजगार की घोषणा को ही खामी की तरह पेश किया है, यह दर्शाते हुए कि देश में बेरोजगारी अभी भी चरम पर है।
सचिन पायलट ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा मनरेगा पर बजट में कोई उल्लेख नहीं होने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने इस पर एक भी शब्द नहीं बोला, जो समझ से परे है। उन्होंने बजट को राजस्थान की जनता के साथ छलावा बताया, क्योंकि ईआरसीपी और यमुना लिंक योजनाओं को लेकर बजट में कोई घोषणा नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि बजट से न तो महंगाई कम होगी, ना बड़ी मात्रा में रोजगार उत्पन्न होंगे। सचिन पायलट का आरोप है कि केंद्र सरकार केवल बेरोजगारों को निजी क्षेत्र की ओर धकेलना चाहती है। इस बजट से राजस्थान को कोई फायदा नहीं मिलने वाला है और 10 लाख रिक्त पदों पर भी कोई घोषणा नहीं की गई है। पायलट ने कहा कि यह बजट पूरी तरह से निराशाजनक है और राजस्थान की जनता के साथ छलावा किया गया है।