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मेवाराम जैन की कांग्रेस में वापसी पर बाड़मेर में बवाल

मेवाराम जैन की कांग्रेस में वापसी पर बाड़मेर में बवाल

शोभना शर्मा। राजस्थान की राजनीति एक बार फिर विवादों में है। बाड़मेर जिले में कांग्रेस के भीतर बड़ा टकराव सामने आया है। इसका कारण है पूर्व विधायक मेवाराम जैन की पार्टी में वापसी। जैसे ही उनकी वापसी की घोषणा हुई, जिले में विरोध और समर्थन की राजनीति तेज हो गई। एक ओर उनके समर्थक पटाखे जलाकर और मिठाइयां बांटकर जश्न मना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस का बड़ा धड़ा उनकी वापसी का सख्त विरोध कर रहा है।

बाड़मेर में लगे विवादित होर्डिंग्स

बाड़मेर और बालोतरा में बड़े-बड़े होर्डिंग्स और बैनर लगाए गए हैं जिन पर लिखा गया है—

  • “महिलाओं का अपमान नहीं सहेगी बाड़मेर कांग्रेस”

  • “बाड़मेर हुआ शर्मशार, बलात्कारी हमें स्वीकार नहीं”

इन नारों ने माहौल को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया है। स्थानीय स्तर पर यह मामला चर्चा का मुख्य विषय बन गया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का एक हिस्सा इसे पार्टी की छवि के लिए बड़ा खतरा बता रहा है।

विरोधियों ने किया खेमेबंदी

जैन की वापसी का विरोध करने वाले नेताओं ने सीधे दिल्ली दरबार का रुख किया। जानकारी के मुताबिक, इस विरोध में पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी, पूर्व विधायक पदमाराम मेघवाल, जिलाध्यक्ष गफूर अहमद, पूर्व जिला अध्यक्ष फतेह खान, जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी, प्रदेश सचिव लक्ष्मण गोदारा और आजाद सिंह राठौड़ शामिल थे। इन नेताओं ने पार्टी नेतृत्व से मुलाकात कर मेवाराम जैन की वापसी पर आपत्ति दर्ज कराई।

समर्थकों ने मनाया जश्न

वहीं दूसरी ओर, मेवाराम जैन के समर्थकों में खासा उत्साह देखा गया। उनके कार्यकर्ताओं ने अहिंसा सर्किल पर पटाखे जलाए, ढोल बजाए और मिठाइयां बांटकर खुशी जताई। समर्थकों का कहना है कि जैन की वापसी से कांग्रेस को मजबूती मिलेगी और वे बाड़मेर की राजनीति में फिर से सक्रिय होंगे।

निलंबन का कारण और अन्य नेताओं की वापसी

मेवाराम जैन को पहले सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो वायरल होने और अनुशासनहीनता के आरोपों के चलते पार्टी से निलंबित किया गया था। अब उनकी वापसी के साथ अन्य निलंबित नेताओं की भी घर वापसी हुई है। इनमें—

  • बालेंदु सिंह शेखावत: लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप।

  • संदीप शर्मा: एक महिला से संबंधों को लेकर अनैतिक आचरण के आरोप।

  • अरविंद डामोर: डूंगरपुर-बांसवाड़ा चुनाव में पार्टी निर्देशों की अवहेलना का मामला।

  • तेजपाल मिर्धा: गठबंधन और चुनावी रणनीति में अनुशासनहीनता के आरोप।

  • बलराम यादव: पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता का आरोप।

इन सभी को अनुशासनहीनता और संगठन विरोधी गतिविधियों के चलते निष्कासित या निलंबित किया गया था।

बाड़मेर कांग्रेस में बढ़ी खाई

मेवाराम जैन की वापसी ने बाड़मेर कांग्रेस में गहरी खाई पैदा कर दी है। विरोधी धड़ा इसे महिला सम्मान और पार्टी की साख से जोड़कर देख रहा है, जबकि समर्थक इसे संगठन को मजबूत करने का कदम मान रहे हैं। हालांकि, सार्वजनिक स्थलों पर लगे विवादित होर्डिंग्स ने कांग्रेस की स्थिति और असहज कर दी है।

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